मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी में ऐसा कुछ होगा। हर दिन की तरह आज भी मैं काम पर जा रही थी, और अचानक मेरी मुलाकात उससे हो गई। वह मेरी जिंदगी का वो पल था, जब मैंने किसी अजनबी को बिना किसी कारण के सिर्फ एक बार देखा और महसूस किया कि कुछ बदलने वाला है।
शायद हमारी मुलाकात का कोई खास मकसद था। मैंने उसे उस दिन पहली बार देखा जब मैं कॉफी शॉप में बैठी थी। वह मेरे ठीक सामने एक खाली टेबल पर बैठा था, और उसकी आँखों में ऐसी गहरी उदासी थी कि मुझे लगा जैसे उसका दिल कुछ ढूंढ रहा हो। मैंने अनायास ही उसकी तरफ देखा, और उसकी आँखों में मेरे लिए कुछ था। फिर वह मुस्कराया, जैसे उसे लगा कि मैं उसकी नजरों में हूं। मुझे हैरानी हुई कि बिना कुछ कहे भी वो मुझे कैसे समझ पाया।
मैंने उसकी ओर देखा और हल्की सी मुस्कान दी। मेरी जिंदगी का यह एक छोटा सा पल था, लेकिन मैंने महसूस किया कि हमारी नजरें कुछ कह रही हैं।
“आप… ठीक हैं?” मैंने धीरे से पूछा, उसे देखकर।
वह मुस्कराया और धीरे से बोला, “हां, बस थोड़ा उलझा हुआ हूं। कभी-कभी सब कुछ सही नहीं लगता।”
मैंने महसूस किया कि उसके शब्दों में कुछ था। हम दोनों ने फिर काफी देर तक एक-दूसरे से बात की। उसने बताया कि वह अपनी जिंदगी में काफी कुछ खो चुका है, और अपनी स्थिरता की तलाश में था। मैं समझ सकती थी, क्योंकि मैं भी किसी न किसी वजह से अपने जीवन में शांति की तलाश कर रही थी।
वो था और मैं थी, दोनों अलग-अलग दुनिया में, लेकिन कुछ ऐसा था जो हमें एक-दूसरे के करीब ला रहा था। हमारी बातचीत जितनी गहरी हो रही थी, उतना ही हम एक-दूसरे के बारे में जान रहे थे। लेकिन क्या सच में यह सही समय था? क्या मैं किसी ऐसे व्यक्ति के साथ अपना दिल लगा सकती थी, जो पहले से ही किसी रिश्ते में था?
मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था। मेरे मन में एक उलझन थी, क्योंकि मैं पहले से ही एक रिश्ते में थी। राजन, जो मेरा बॉयफ्रेंड था, वह अच्छा इंसान था, पर हमारी बातों में वह रोमांच या वह गर्मी नहीं थी जो मैंने कभी महसूस की थी। क्या मुझे एक रिश्ते से बाहर निकलकर यह नया रास्ता अपनाना चाहिए था?
तब मैं उस दिन फिर से उससे मिली। हम दोनों एक दूसरे के बिना भी कुछ अधूरे से थे, और हमारी मुलाकातें बढ़ती जा रही थीं। एक दिन उसने मुझसे कहा, “क्या तुम भी महसूस करती हो, कि कुछ खास है हमारे बीच?” उसकी आवाज में उतना ही दर्द था जितना कि उसकी आँखों में।
मैंने चुपचाप उसकी तरफ देखा और धीरे से कहा, “हां, मैं भी यही महसूस करती हूं, लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये ठीक है या नहीं।”
उसने मेरी बातों को सुनकर सिर झुकाया और फिर कुछ समय के लिए खामोश हो गया। उसकी चुप्पी ने मुझे और उलझा दिया। क्या वह भी मेरी स्थिति को समझ रहा था?
फिर एक दिन, मैंने अपनी भावनाओं को राजन से साझा किया। “राजन, मुझे लगता है, मैं तुमसे प्यार नहीं करती जैसी पहले करती थी। मुझे कोई और महसूस होता है।”
उसकी आँखों में एक अजनबी सी निराशा झलकने लगी। “क्या तुम मुझसे कभी प्यार करती हो?” उसने पूछा। यह सवाल मुझे आहत कर गया, क्योंकि मैं सच में उसे गलत नहीं समझाना चाहती थी।
“मैं नहीं जानती, राजन, लेकिन मुझे लगता है कि मेरी जिंदगी में कुछ ऐसा है जो मैं समझ नहीं पा रही।”
राजन को पता था कि हम दोनों एक ही रास्ते पर नहीं चल सकते थे। उसने मुझे समझाया, “अगर तुम किसी और को पसंद करती हो तो मैं तुम्हें रोक नहीं सकता। पर हमें एक दूसरे के साथ सच होना होगा।”
मैंने उसकी बात मानी, और अगले दिन मैंने उस लड़के से मिलने का फैसला किया। मुझे यह सोचने का वक्त मिला कि क्या मैं सच में राजन को छोड़कर किसी और के साथ आगे बढ़ सकती हूं। मैं क्या करने जा रही थी?
हमने फिर से मिलकर एक लंबी बातचीत की। इस बार, वह मुझे अपने दिल की बात समझाने की कोशिश कर रहा था, “तुम क्या चाहती हो? क्या तुम उस पुराने रिश्ते से बाहर निकलकर अपने दिल का पालन करना चाहोगी?”
मैंने गहरी सांस ली, और धीरे से बोला, “मुझे लगता है कि हमें अपने-अपने रास्तों पर चलना चाहिए। मैं उन दोनों के लिए सही नहीं हो सकती। शायद समय नहीं था, लेकिन मैं यह समझ गई हूं कि मुझे अपनी जिंदगी में जो चाहिए, वह मुझे खुद से ढूंढना होगा।”
वह समझ गया। हमें अपनी राहें अलग करनी पड़ीं, लेकिन हम दोनों ने एक-दूसरे से कुछ सीखा था। वह मेरी जिंदगी का एक हिस्सा बना, लेकिन मुझे एहसास हुआ कि किसी और के साथ रिश्ते की शुरुआत करने से पहले, मुझे खुद को समझना बहुत जरूरी था।
कभी-कभी, सही व्यक्ति से मिलना गलत समय पर हो जाता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हम उस रिश्ते को हर हाल में बदलें। कभी-कभी सबसे बड़ी बात यह है कि हम अपने दिल की सुनें और अपने फैसले खुद करें।
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