💘 Discover a Heartfelt Story: My first and one side love story 4 - Hussain
Real love poem

Dhundhla sa ishq – Sam

तू एक धुंधली सी शाम है
एक रोशन सा सवेरा है…
जब दिल में देखता हूं झांक कर अपने
आज भी धड़कनो पर तेरी यादों का पहरा है
तू एक धुंधली सी शाम है
एक रोशन सा सवेरा है…
मैं चाहता हूं तुझे आज भी
उतनी ही सिद्दत से
अब भी तेरी यादों का
मेरी नींदों से नाता गहरा है
तू एक धुंधली सी शाम है
एक रोशन सा सवेरा है…
नाकाम होती है मेरी तमाम कोशिशे
फिर टूट टूट कर तन्हाई
मेरी कहती है मुझसे
ये तुझसे मेरे दिल का रिश्ता गहरा है
तू एक धुंधली सी शाम है
एक रोशन सा सवेरा है…
तेरी परवाह करने को मचलता है दिल
पर फिर क्यों तेरा हाल पूछने से डरता है दिल
आज भी तेरी उन बांतों का
इस दिल पर बसेरा है
तू एक धुंधली सी शाम है
एक रोशन सा सवेरा है….

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38 thoughts on “Dhundhla sa ishq – Sam”

  1. surander singh

    नन्हे से दिल में अरमान कोई रखना,
    दुनिया की भीड़ में पहचान कोई रखना,
    अच्छे नहीं लगते जब तुम रहते हो उदास,
    अपने होठों पे सदा मुस्कान कोई रखना।

  2. surander singh

    ये रात चाँदनी बनकर आँगन में आये,
    ये तारे लोरी गा कर आपको सुनाएं,
    आयें आपको इतने प्यारे सपने यार…
    कि नींद में भी आप हलके से मुस्कुराएं।

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