💘 Discover a Heartfelt Story: For someone special - Babita

अधूरा सपना… – नैना

अधूरा सपना…
पात्र- नैना,
उम्र-18 वर्ष
लेखक- गौरव शर्मा

रविवार का दिन था नैना अपने घर पे थी, नैना घर मे अकेली ही थी उसको अकेले अच्छा नही लग रहा था तो उसने हल्की आवाज मे गाने बजा दीये..
गाने सुनते सुनते वो कब सो गयी उसको पता भी नही चला होगा!
कुछ देर बाद उसकी आंख खुली और उसने देखा कि एक लड़का उसके पास बैठा हुआ था, वो उसको देख कर डर गयी क्योंकि उसने उसको कभी पहले नही देखा था… उस अंजान लडके ने नैना का हाथ पकडा और कहा- क्या तुम मुझे जानती हो?
नैना ने उसका हाथ झटक कर कहा पागल हो क्या तुम? और मेरे घर मे कैसे घुस आये? जाओ यहाँ से मैं तुमको नही जानती..
वो अन्जान लडका अचानक से गायव सा हो गया और नैना पसीना पसीना हो गयी, नैना इतनी डर गयी थी कि उसके मुँह से आवाज़ नही निकल रही थी..इतनी हि देर मे फोन की घंटी बजी और नैना थोडा सा सामान्य अवस्था मे आ चुकी थी.. उसने फोन लिया और बात करने लगी..
उस तरफ़ से अवाज आयी क्या हुआ नैना?
तुम मुझे नही पहचान रही हो?

मै तो तुम्हारा सब कुछ था, तुम्हारा अपना था, तुम मुझे कैसे भूल गये?
नैना ने झट से फोन नीचे की ओर फेंका और खुद ज़ोर से चिल्लाने लगी, शायद कोई उसकी आवाज सुन ले लेकिन वहाँ उसके घर मे कोई उसकी आवाज सुन ने के लिये मौजूद नही था..
वो दरवाजे की तरफ़ भागी जैसे ही नैना ने अपना पैर बेड से नीचे रखा वो फिसल गयी और गिर गयी..
अब नैना फिर से उठने के लायक नही थी, वो जमीन पे हि लेट गयी और रोती रही.. कुछ नही था वहाँ और कोई भी ऐसी चीज़ नही थी कि जिसे देख कर नैना इस तरह से डर जाये लेकिन पता नही क्यों नैना उस लडके से इस तरह डर रही थी जैसे वो आज उसको कुछ करने आया हो..
शायद अचानक उस लडके के गायब हो जाने से हि नैना डर रही थी.,
लेकिन देखते ही देखते सब सामान्य हो गया, नैना जमीन से उठकर बाहर की तरफ़ जाने लगी, जाने से पहले उसने अपने फोन को उठाया और उसको सही किया… फोन सही करने के बाद उसने अपने पापा को फोन किया और अपनी आप वीती पापा को बताई, पापा ने बिना देर किये अपनी कार निकाली और घर की तरफ चल दीये…
10-15 मिनिट मे वो घर आगये और उन्होने देखा कि नैना घर मे नही थी उसके पापा बार बार नैना को अवाज लगाते रहे लेकिन उनकी अवाज नैना नही सुन पा रही थी..

नैना के पापा नैना को इधर उधर ढूँड रहे थे, लेकिन नैना उन्हे कहीं नही मिली..
कुछ समय बाद वो थक कर एक जगाह सिर पकड़ कर बैठ गये..
कुछ हि देर मे वहाँ एक लडका आया, उसने कहा अंकल जी क्या हुआ?
नैना के पापा ने कुछ जवाब नही दिया, इसके बाद उस लडके ने कहा अंकल जी, नैना भी कहीं दिखयी नही दे रही?
नैना के पापा ने कहा-

अभी कुछ देर पहले हि नैना ने मुझे फोन किया था और मुझे घर आने को कहा, मैं घर पे आया और कब से नैना को देख रहा हुँ लेकिन वो नही दिख रहीं
उस लडके ने कहा कि अंकल जी, मुझ से भी नैना ने यही बोला था और बोल रही थी की जल्दी से घर आजाओ..! अब पता नही कहाँ चली गयी वो?
नैना के पापा ने उसकी मम्मी को फोन किया और तुरंत घर पे आने को कहा, नैना की मम्मी ने कहा कि क्यों क्या हुआ है? सब ठीक तो है ना?
नैना के पापा ने कहा कि तुम जल्दी से आजाओ..!
नैना की मम्मी अपने दूसरी लडकी के घर पे थी, वहाँ से उनके घर की दूरी काफ़ी थी, तुरंत वहाँ नही जाया जा सकता था..
उधर नैना के पापा ने उस लडके से कहा कि बेटा तुम कौन हो? और तुम नैना को कैसे जानते हो?
लडके ने कहा कि अंकल मैं नैना को नही जानता, मुझे तो उसने आज पहली बार फोन किया था और मुझे नही पता की उसको मेरा नम्बर कहाँ से मिला?
उसने मुझे फोन किया और कहने लगी कि मैन नैना बोल रही हुँ और उसने यहाँ का पता दिया और कहा कि तुरंत आजाओ… अब मुझे नही पता कि उसने मुझे यहाँ क्यों बुलाया?
धीरे धीरे शाम हो रही थी लेकिन नैना का कुछ भी पता नही चला…
वो लडका अपने घर चला गया और नैना के पापा, नैना की राह देखते रहे…
शाम के 8 बज गये थे, धीरे धीरे अँधेरा हो रहा था, जैसे जैसे अँधेरा हो रहा था नैना के पापा की हालत खराब होती जा रही थी… नैना को घर से गायब हुए लगभग 5 घंटे होने वाले थे.. जवान लडकी का इस तरह से गायब होना किसी भी बाप के लिये चिंता का सबब था…
कुछ समय बाद नैना के आने की आवाज सुनायी दी वो रोती हुई अपने पापा के पास आकर बैठ गयी, उसके पापा ने उसको पानी पिलाया और कहा बेटा तू ठीक तो है ना?
उसने कहा पापा मैं तो ठीक हुँ लेकिन आप इतनी देर से क्यों आये?
नैना के पापा ने कहा बेटा मै तो तुरंत आगया था लेकिन तु इतनी देर से कहाँ थी?
मैं बाहर वाले रूम मे थी.. पापा ने कहा लेकिन वहाँ तो कोई जाता नही है फिर तू वहाँ कैसे चली गयी?
नैना ने कहा पापा मुझे नही पता, लेकिन एक लडका आया था और मैं नही जानती कि वो कौन था लेकिन वो अजीव लग रहा था, बार बार बोल रहा था कि नैना तुम मुझे पहचान क्यों नही रही हो? हम दोनो एक दूसरे को जानते हैं, लेकिन पापा मैं उसको नही जानती हुँ!
नैना के पापा ने नैना का मोबाइल लिया और उसमे उन्होने देखा कि नैना के फोन से सिर्फ उन्हे हि फोन किया गया है, तब उन्होने उस अंजान लडके की बात पे ध्यान दिया, जिसने उनसे कहा था कि नैना ने उसको फोन करके यहाँ बुलाया था,
तब नैना के पापा समझ गये कि वो लडका झूठ बोल रहा था, लेकिन किसी को ये नही समझ आया कि वो लडका आखिर है कौन?
लेकिन नैना और उसके पापा ने ये सब बातें भूलकर कुछ समय मे फ्रेश हो गये और नैना ने खाना बनाया..
रात के 10 बज चुके थे, नैना अपनी मम्मी के आने का इंतजार कर रही थी और उसके पापा अपना जरुरी काम कर रहे थे…
गेट की घंटी बजी, नैना ने जल्दी से जाकर गेट खोल दिया और गेट खोलते ही अपनी मम्मी से लिपट गयी..
अंदर आकर सब लोगो ने खाना खाया.. और सब सो गये लेकिन नैना को रात भर नींद नही आयी, नैना रात भर उस अन्जान लडके के बारे मे ही सोचती रही कि वो लडका आखिर कैसे जानता है मुझे?
जारी है कहानी….”

 

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19 thoughts on “अधूरा सपना… – नैना”

  1. Stry kaafi intersting h…aage k part jaldi hi post krna….i thnk wo ldka uska pehla pyar hoga..jo k mar chuka h..

  2. Vry intresting…..
    Mujhe bhi yhi lgta h ki wo ldka pehle usse pyar krta hoga n bina apne pyar ko paaye wo mar gaya hoga……..
    Aur wo mrne ke baad bhi wapas isliy aaya qki insaan mar salte h pr pyar nhi sakta…

  3. very very intersting story mujhe bhi yhi lgta h salman ho skta h wo ldka apne pyr ka izhar na kr paya ho or isliye wo wapas aya ho….
    pls iska next part jaldi post kijiyga we r waiting

  4. दोस्तो,
    मेरे द्वारा लिखी हुई इस कहानी को पूरा जानने के लिये, आप facebook page ‘Author Gaurav’s blog’ पे visit कर सकते हैं !
    धन्यबाद, गौरव शर्मा, भारतीय लेखक

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