मैं समीर हूँ, और ये कहानी मेरी और मेरी सबसे अच्छी दोस्त, सिया, की है। हम दोनों एक-दूसरे को बचपन से जानते हैं। हमारे घर एक ही गली में थे, और दोस्ती का रिश्ता जिंदगी का हिस्सा बन गया था। हमारे बीच में हमेशा एक सिम्पल, सच्ची और बेझिझक दोस्ती थी। पर एक बात थी जो हम दोनों ने कभी नहीं सोची थी – प्यार।
जब हम छोटे थे, हमने एक-दूसरे से ये वादा किया था कि हम कभी भी एक-दूसरे से प्यार नहीं करेंगे। हमेशा ये सोचा कि दोस्ती को ही सबसे ज़्यादा महत्व देना है। सिया और मैं हर बात शेयर करते थे, हर छोटी-बड़ी बात में एक-दूसरे का साथ होता था। वक्त के साथ हमारी दोस्ती और गहरी होती गई थी, लेकिन हमने अपनी दोस्ती को कभी प्यार की तरफ बढ़ने नहीं दिया था।
हम दोनों अलग-अलग कॉलेज में थे, लेकिन हर छुट्टी में मिलते थे। घर के बड़े-बूढ़े हमेशा मजाक करते थे कि कब शादी करोगे, पर हम दोनों हमेशा हंसकर इस बात को टाल देते थे। हम दोनों अच्छे दोस्त थे, और हमारी दोस्ती को लेकर किसी तरह का कोई संकोच नहीं था। फिर एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जो हमारे बीच सब बदलकर रख दिया।
वो दिन शायद हमारी जिंदगी का सबसे अहम दिन था। कॉलेज के एक प्रोजेक्ट के सिलसिले में मुझे सिया के साथ एक दिन पूरे दिन बाहर रहना पड़ा। ये आम बात थी, क्योंकि हम दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ काम करते थे। लेकिन उस दिन कुछ अलग था। जब हम दोनों एक साथ बैठे थे, तो सिया ने एक बात कही, जो मैंने कभी नहीं सोची थी।
“समीर, तुम जानते हो, तुम्हारे बिना मेरा कॉलेज नहीं चलता,” सिया ने अचानक कहा। उसकी बातों में कुछ ऐसा था, जो पहले कभी नहीं था। उसकी आँखों में एक हल्का सा डर और प्यार था। मुझे पहली बार महसूस हुआ कि हमारी दोस्ती शायद अब सिर्फ दोस्ती नहीं रही थी।
मैंने झट से हंसते हुए कहा, “क्या बात कर रही हो सिया, तुम तो बस ऐसे ही मजाक कर रही हो।”
लेकिन सिया की आँखों में कुछ था, जिसे मैंने नजरअंदाज नहीं किया। वो चुप रही, लेकिन उसकी चुप्पी ने मुझे परेशान कर दिया। मुझे समझ में आ गया कि हमारी दोस्ती अब कुछ और बन चुकी थी, और इस सच को स्वीकार करना आसान नहीं था।
वो दिन हमारे रिश्ते में एक मोड़ लेकर आया। कुछ महीनों बाद, हमारी मुलाकातें पहले जैसी नहीं रहीं। हम दोनों के बीच अजीब सी खामोशी आ गई थी, जैसे कुछ कहना चाहें, लेकिन कुछ कह नहीं पाते। एक दिन मैंने सिया से सीधे पूछ ही लिया, “क्या कुछ बदल गया है?”
सिया थोड़ी देर चुप रही, फिर उसने कहा, “समीर, क्या तुम नहीं समझ पा रहे हो? हमारी दोस्ती अब सिर्फ दोस्ती नहीं रही, मैं तुमसे प्यार करने लगी हूं।”
उसकी बातों ने मुझे चौंका दिया। मैं चुप रहा, लेकिन दिल में एक तूफान मचल रहा था। हम दोनों ने कभी नहीं सोचा था कि यह दिन आएगा। दोस्ती को पार करके प्यार के रास्ते पर चलना इतना आसान नहीं था।
कई दिनों तक हम दोनों एक-दूसरे से बात नहीं कर पाए। हमें डर था कि हमारी दोस्ती खत्म हो जाएगी, अगर हमने अपने दिल की बात कह दी। लेकिन फिर एक दिन, जब मैंने सिया को अकेला देखा, तो मैंने महसूस किया कि हम दोनों के बीच कुछ खास था, जिसे हमें स्वीकार करना होगा।
“सिया, क्या तुम सच में मुझसे प्यार करती हो?” मैंने धीरे से पूछा।
“हां, समीर। और मुझे डर था कि अगर मैंने यह कहा, तो हम कभी पहले जैसा नहीं रह पाएंगे,” सिया की आवाज़ में हल्का सा कांप था।
मैंने उसकी आँखों में देखा और कहा, “मैं भी तुमसे बहुत कुछ महसूस करता हूँ, सिया। पर क्या हम अपनी दोस्ती को इस प्यार से और मजबूत बना सकते हैं?”
उसने एक लंबी सांस ली और मुस्कुरा दी, “हां, समीर, हम यह कर सकते हैं।”
उस दिन हमने फैसला किया कि हम अपनी दोस्ती को प्यार में बदलेंगे, लेकिन हमारी दोस्ती की ताकत हमेशा पहले जैसी रहेगी। प्यार ने हमारे रिश्ते को और मजबूत किया, और हम दोनों एक-दूसरे के लिए और भी खास बन गए।
आज भी हम दोनों एक-दूसरे के साथ हैं, और हमारी कहानी आज भी उसी दोस्ती से शुरू होती है, जिस पर हमें सबसे ज़्यादा भरोसा था। कभी कभी हम हंसते हैं और कहते हैं, “दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज़ दोस्ती है, लेकिन जब वही दोस्ती प्यार बन जाए, तो वो और भी खास हो जाती है।”
हमने अपने वादे को तोड़ा, लेकिन एक नया वादा किया — दोस्ती और प्यार का संगम हमेशा हमारे बीच रहेगा।
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