जिंदगी से खफा तकदीर से तबाह हो गया हूं
तेरे जाने के बाद महफिल में तन्हा हो गया हूं
दिल से साफ और उनके पास था
तेरे किए कर्म के बाद में बर्बाद सा हो गया हूं।
तू ही दिल और धड़कन में मौजूद थी
तेरी याद दिल के हर कोने में महफूज थी
खुद को खोकर तुझे पाना चाहा था
इसीलिए जज़्बात मुझे रुला रहे हैं
तुझे पाने के लिए हर बंदिश को तोड़ा था
इसीलिए शायद अब हम पछता रहे हैं।
तेरे इश्क में लिखना क्या सीखा
शब्द ढूंढ-ढूंढ कर उनमें जज्बात भर रहे हैं
लगता है हम रोज टूट-टूट कर थोड़ा-थोड़ा बिखर रहे हैं।
माना कि गलती मेरी थी,
जो दिलो जान से तुझे चाहा था
तुझे पाने के लिए अपनी हर ख्वाहिश को मिटाया था
इसीलिए शायद तुझे फिक्र ना थी मेरी
शायद मैंने तुझे पाकर भी कभी ना पाया था।
दोस्त हूँ तेरा अभी भी पर बात नहीं करता हूं
फिक्र करता हूं तेरी पर अब बताया नहीं करता हूं
तेरे दिए दर्द की वजह से अब भी रातों को जागता हूं
जिंदगी से खफा और तकदीर से तबाह हूं
लेकिन यहां तो हर दूसरे का दिल टूटा है, फिर मैं कहां नया हूं।
मोहब्बत में जो पड़ा उसने कुछ दर्द जरूर सहा है
तभी शायद हमेशा से मोहब्बत का नाम बदनाम ही रहा है
तू है तो मैं हूं, तू नहीं तो मैं नहीं यह मत समझना
दूसरा पन्ना थी मेरी जिंदगी की किताब का तू
जो पलट रहा हूं मैं
अब मंज़िल बदल ली है मैंने
तेरे लिए लिख रहा हूं इस भ्रम में मत जीना
अब तुझसे बेहतर की तलाश में आगे बढ़ रहा हूं।
तेरे मेरे बीच उन चंद लम्हों में जो भी हुआ था
वह अब लगता है कि एक मजाक था।
हम क्यों अलग हुए थे,
यह अब भी मेरे लिए एक राज है
पहले साथ चलने की ख्वाहिश थी
अब तो तेरा चेहरा भी नहीं देखना है मुझे
शायद करिश्मा हो भी जाए
और तू शायद वापस लौट भी आए
लेकिन तुझे अब नजर अंदाज ही करना है।
रूह में जो छोड़ दी है
उस नफरत से बड़ी कोई दवा नहीं है
तू मेरा एक बुरा ख्वाब थी
अब तुझसे मेरा कोई वास्ता नहीं है
बोला था ना पहली मोहब्बत है तू
दिल तोड़ना है तो तोड़ दे
पर यह क्या बेरुखी थी
कि आधे रास्ते में बेवजह छोड़ दे।
तेरे दर्द से आबाद होकर जो नगमे लिखे है मैंने
उन्हें सुनकर तू जरूर पछताएगी
अगर कभी तूने कभी सच्ची मोहब्बत की होगी
तो तू दर्द जरूर समझ पाएगी
खैर छोड़ो! बेवफा से दर्द समझने की उम्मीद क्या रखूं
हां मैंने भी कहा था
कि तू दिल में हमेशा बरकरार रहेगी
लेकिन तू मेरी यादों से दूर कहीं खूनी लगी है
अब यह नफरत मोहब्बत पर हावी होने लगी है
मुझे पता है
अब हम किसी महफ़िल में आमने-सामने हो भी जाएं
तो हो सकता है कि मैं तुझसे बात ना करूं
क्योंकि अब मैं तेरे दर्द पहले की तरह रोता जो नहीं हूँ
तूने एक नादान से परिंदे को मोहब्बत के जाल में फंसा दिया
खुशी खुशी दर-ब-दर फिरता था
तूने उसे अपने इश्क में आशिकी करना सिखा दिया
ऐसे तो उसने तुझे बहुत चाहा था तूने उसे भुला दिया
अगर सच कहूँ तो यार, तूने तो उसे उल्लू बना दिया।।
Do you have a story? Click here to submit it / Connect with the admin
Bahut Achhe
Thank you
It’s good…..
Thank you
Wese kya ladki bhi hum ladko jaisa feel karti hai like love wali feeling
Pyar Dil se ho tho sb feel krte h…
Hmm bilkul krti hai bhai
Nice
Hello everyone
Jo Kabhi Dara nahi mujhe khone se
Wo Kya Afsos karta hoga mere na hone se
Humne jo dil wapis maanga
Wo sar jhuka Kar boli
Wo to tut gaya
Khelte khelte
Bas hum naam nahi likh paate hai
Baaki hum likhte Sab tum par hi hai
Shakal Surat dolat paisa
Ishq raha na Ab, ishq jaisa
Wo chhuta hai mujhse Mera hokar
Use paane wale tujhe Mera hissa mubarak
Zaroori nahi hai ke har mohabbat mein bahoon ke sahare ho
Kisi ko jee bhar ke Mehsoos Karna bhi mohabbat hai
Hii friends hllo aftab bhai
I need a friend 9752898993
Nice story ☺️????