Real love poem

Heart Touching Poem

खुद से रूठ था और चल रहा था मैं – Raushan

खुद से रूठा था और चल रहा था मै. गिर गया था उसके दर पे और संभल रहा था मै. ख्वाहिशे थी कांच के जैसी कुछ इस कदर . धूल चेहरे पर थी और आईना बदल रहा था मै.!! उनकी यादो का था ऐसा कुछ असर. अपनी जिंदगी से आगे निकल रहा था मै. ख्वाब …

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