💘 Discover a Heartfelt Story: Mohabbat - Sakku

अजनबी दिल, पर एक जैसा प्यार 💏

मैं अजय, एक साधारण सा लड़का, जो हमेशा से पालतू जानवरों का इलाज करता आ रहा था। मेरा ख्वाब था कि मैं अपनी क्लिनिक खोलकर जितना हो सके जानवरों की मदद करूँ। मैं जानता था कि वे इंसान की दुनिया में रहते हुए भी अपनी दुनिया से बहुत दूर हैं, लेकिन उन्हें अपने दर्द से छुटकारा दिलाना ही मेरी ज़िंदगी का उद्देश्य था।

एक दिन, मेरी मुलाकात रिया से हुई। रिया, एक जानी-मानी वन्यजीव संरक्षक थी, जो अपने काम में पूरी तरह से समर्पित थी। उसकी सोच और मेरा काम दो अलग दुनिया थे। रिया का मानना था कि पालतू जानवरों को इंसान की दुनिया से दूर रखा जाए, ताकि उनकी प्राकृतिक जीवनशैली में कोई हस्तक्षेप न हो। वह हमेशा कहती थी, “हम इंसान जब तक जानवरों के बीच अपने पैरों के निशान छोड़ते रहेंगे, तब तक वे कभी अपनी दुनिया में सच्ची आज़ादी से नहीं जी पाएंगे।”

पहली बार जब हम मिले, तो हमें एक-दूसरे से बात करने का मौका ही नहीं मिला था। मैं अपनी क्लिनिक में व्यस्त था और वह अपने अभियान में। एक दिन रिया ने मुझे एक घायल बंदर दिखाया, जिसे उसने रेस्क्यू किया था। बंदर के पैरों में गहरी चोट थी, और रिया चाहती थी कि मैं उसका इलाज करूं। मैंने देखा कि बंदर को अस्पताल लाने से पहले रिया ने उसे किसी इंसान के संपर्क से बचाने की पूरी try की थी। वह बंदर को केवल इलाज के लिए लाना चाहती थी, न कि उसे किसी और तरीके से इंसानी जीवन से जोड़ा जाए।

“क्या तुम उसे इंसान के हाथों से दूर रखने की कोशिश कर रहे हो?” मैंने थोड़ी हैरान होकर पूछा।

रिया ने मेरी तरफ देखा और कहा, “हम इंसान इतने स्वार्थी हो चुके हैं कि हम किसी भी प्राणी को अपने हिसाब से जीने का मौका नहीं देते। मैं चाहती हूं कि यह बंदर अपनी दुनिया में वापस लौट सके, किसी इंसान से जुड़े बिना।”

मैंने उसे समझाया कि यह बंदर केवल इलाज के लिए मेरे पास आया है और मैं इसे वापस जंगल में छोड़ दूंगा, लेकिन उसका जवाब था, “तुम यह क्यों नहीं समझते कि किसी भी जानवर के साथ इंसान का रिश्ता कभी खत्म नहीं होता?”

हमारी बातचीत कभी खत्म नहीं हुई। लेकिन हमारी मुलाकातों ने दोनों की ज़िंदगी में कई बदलाव किए। हर बार जब हम मिलते, तो हमारी सोच में फर्क महसूस होता। मुझे समझ में आने लगा था कि रिया का दृष्टिकोण भी सही था। वह जानवरों के बारे में एक सच्चा प्यार Feel करती थी, जबकि मैं सिर्फ उनका इलाज करके उन्हें ठीक करना चाहता था, बिना यह सोचें कि उन पर हमारी क्या छाप पड़ रही है।

धीरे-धीरे, हम दोनों एक-दूसरे के करीब आने लगे। हम साथ समय बिताने लगे, और हमारी सोच का फर्क कम होने लगा। रिया मुझे अपनी ज़िंदगी की सच्चाइयाँ और अपनी आदतों के बारे में बताती। मैं भी उसे अपने काम के बारे में बताता और उसे समझाने की कोशिश करता कि जानवरों को ठीक करना हमारे लिए बहुत ज़रूरी है। लेकिन इस बीच कुछ था जो दिल में बढ़ रहा था, वह था एक अनकहा सा प्यार। हम दोनों के बीच एक अजीब सी खींचतान थी, जो दिन-ब-दिन मजबूत होती जा रही थी।

एक दिन रिया ने मुझे अपने दिल की बात कह दी, “अजय, तुम मेरी दुनिया हो। पर मैं जानती हूं कि हम दोनों के रास्ते कभी एक नहीं हो सकते। तुम अपनी ज़िंदगी में अपने काम को प्राथमिकता दोगे और मैं अपनी दुनिया को। हमारा प्यार बस ख्वाबों में ही रह जाएगा।”

उसकी बातों ने मुझे अंदर से तोड़ दिया। मैं उसे चाहता था, लेकिन हम दोनों के रास्ते इतने अलग थे कि हम कभी एक नहीं हो सकते थे। मैं जानता था कि अगर हम एक-दूसरे के साथ रहते तो यह प्यार सिर्फ एक बोझ बनकर रह जाता, क्योंकि दोनों की सोच और रास्ते कभी मिल नहीं सकते थे।

कुछ महीनों बाद रिया ने अपना काम और अपने अभियान पर ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया, और मैं अपनी क्लिनिक में Busy हो गया। हम दोनों की मुलाकातें कम हो गईं, लेकिन दिल में एक खालीपन था जो कभी भर नहीं पाया।

आज जब मैं अपनी क्लिनिक में बैठा होता हूँ और किसी घायल जानवर का इलाज करता हूँ, तो मुझे अक्सर रिया की याद आती है। मुझे लगता है कि शायद अगर हम एक-दूसरे की सोच को और गहराई से समझ पाते, तो शायद हमारा प्यार पूरी तरह से फलता। लेकिन फिर भी, हमारी कहानी एक अधूरी सी रह गई, क्योंकि हमारे दिल एक-दूसरे से जुड़ते हुए भी हमारे रास्ते कभी एक नहीं हो पाए।

हम दोनों के बीच जो प्यार था, वह शायद वक्त और हालात के साथ खुद को साबित नहीं कर सका। और इसी तरह हमारी कहानी अधूरी रह गई, लेकिन वह प्यार, वह एहसास हमेशा मेरे दिल में रहेगा, बस एक ख्वाब की तरह।

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