Sad hindi poem

वो अब याद नहीं करते – Raushan

वो अब याद नहीं करते.
चाहत तो होती है मिलने की.
बस फरियाद नहीं करते.
वादा किए थे साथ चलने का.
बस वो इरशाद नहीं करते.
लगता है मुझे भूल बैठे हैं वो.
क्योंकि वो अब याद नहीं करते.!!

वक्त भी थमता नहीं उनके बगैर.
मंजिल भी धूमिल हो रही अब.
जिसे थी एक आशियां बनाने की आरजू.
वो उसे आबाद नहीं करते.
बेतहाशा चाहत है उन्हें पाने की.
बस वो फरियाद नहीं करते.
ऐसा लगता है खो गए वो इस दुनिया की भीड़ में.
क्योंकि वो अब याद नहीं करते.!!

जिनके साथ हर पल खुशियां ही खुशियां रहती थी.
हर लम्हा उनकी आरजू होती थी.
जो एक खुदा सा था मेरे लिए.
चाहत जिसे पाने की हर वक्त रहती थी.
कैद हो गई है मेरी सारी खुशियां मुझ में.
वो मुझे खुद से आजाद नहीं करते.
सारे जमाने को भूल बैठा हूं मैं.
क्योंकि वो अब याद नहीं करते..!!
पानी की चाहत तो आज भी है.
बस वो फरियाद नहीं करते..!!

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13 thoughts on “वो अब याद नहीं करते – Raushan”

  1. ????दिल ????पे ????क्या???? ????गुज़री ????वो ????अनजान ????

    क्या ????जाने???? प्यार ????किसे ????कहते???? है ????वो ????

    नादान ????????क्या ????जाने ????हवा ????के ????साथ ????उड़

    ????????गया ????घर ????इस???? ????परिंदे ????का ????कैसे????

    बना ????था ????घोसला???? वो ????तूफान ????क्या???? जाने????

  2. jajbaton ko labjon me bayan krna asan nahi hota
    unko itni khubsurti se pesh krna sbke bas me nahi hota..

    @@amazing##
    bht achha likha hai apne rausan..

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