Real love story of friends

त्रिशा- कहानी डबल धोखे की Part I – Nawab

चैप्टर 1
कॉलेज के दोस्त

जिनकी जिंदगी बहुत तकलीफों से गुजरती है,उनकी कहानियां शानदार होती हैं।तकलीफदेह जिंदगी का एक फायदा तो कम से कम जरूर होता है ,वो ये कि इंसान को जिंदगी के बहुत कीमती सबक मिल जाते हैं जो उसको जिंदगी भर काम आते हैं।
कहानी के कई पहलू हैं, कौन सही था कौन गलत बताना मुश्किल है। त्रिशा ने अनिल को धोखा दिया या नही । ये ठीक ठीक नही कह सकते पर त्रिशा के बॉयफ्रेंड ने जरूर अनिल को धोखा दिया।पढ़ने के बाद आप खुद फैसला करिये।
बात उस वक़्त की है जब अनिल कॉलेज में पढ़ रहा था। कॉलेज खत्म होने में 1 साल बाकी था अभी। कॉलेज अच्छा जा रहा था। पढ़ाई के पॉइंट ऑफ व्यू से नही, बल्कि मौज मस्ती के पॉइंट ऑफ व्यू से। अनिल के बहुत दोस्त थे लेकिन  सुदीप , ऋषभ ,अनुराग और सिद्धांत से अनिल की बहुत खास बनती थी। इनके रूम पे ही बातों का दौर चलता, या तो मूवीज की बातें या फिर प्रोफेसर्स को गाली देने का काम , हर कोई यही बताता की कैसे उनके प्रोफेसर्स ,उनको डंडा किये रहते हैं।
सुदीप को कंप्यूटर्स की अच्छी नॉलेज थी, तो वो अपने कंप्यूटर पर कुछ कुछ करता रहता था। कुछ नही तो हॉलीवुड के सीरिअल्स या मूवीज ही देखता था।
ऋषभ की कई सारी गर्लफ्रैंडस थी तो वो उन्हें ही मैनेज करता रहता था। हालॉकि उसकी एक गर्लफ्रैंड थी जिसको वो सीरियस वाली केटेगरी में रखता था। उसका नाम शिवानी था।
अनुराग मस्तमौला टाइप का था, लेकिन दिमाग से बहुत शार्प, जो पढ़ ले या सुन ले , दस साल बाद भी वैसे का वैसे ही सुना दे। उसको हम लोग विकिपीडिया बोलते थे। उसको भोजपुरी गाने का बहुत शौक था।
सिद्धांत पढ़ाकू टाइप का था।सिद्धांत पहले उतना अच्छा दोस्त नही था, लेकिन जब अनिल की लाइफ करवट ले रही थी , उस वक़्त वो सिद्धांत के साथ ही रहता। उस बीच दोनो में अच्छी बॉन्डिंग हो गयी। सिद्धांत की गर्लफ्रैंड को सिद्धान्त की गर्लफ्रैंड बनवाने में भी अनिल का ही हाथ था। वो दूसरी कहानी है, उसके बारे में बाद में बात करेंगे।
फिलहाल अनिल की बात करते हैं।अनिल को दीन दुनिया से ज्यादा मतलब नही था,उसको आज पता नही होता की कल क्या करना है।उसकी जिंदगी मोमेंट्स में कटती थी। उसका बस एक ही काम फेसबुक पे स्टेटस अपलोड करना और लैब में जाके मूवीज डाउनलोड करना क्योंकि वहाँ नेट की स्पीट अच्छी आती थी। फिर रात भर बैठ के मूवीज देखना। सुबह उठ के जो देखा उस पर डिस्कशन। हालाकिं अनिल थोड़ा दुबला पतला था पर काफी हैंडसम था लेकिन उसकी कभी कोई गर्लफ्रैंड नही रही। ऐसा नही था कि वो लड़कियां पटाने की कोशिश नही करता था । फेसबुक पे बहुत सारी लड़कियों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजता था, पर कोई एक्सेप्ट ही नही करती थी। जो एक्सेप्ट करती तो उससे बात कैसे करनी है उसको वो नही आती थी। उसे खुद की खूबसूरती पे ही इतना घमण्ड था कि वो लड़की को ज्यादा भाव ही नही देता। न तो उनकी तारीफ करता, न ही दिन रात उनको मेसेज करता। बस सीधी सपाट बातें। अब उसे क्या पता की लड़कियां ऐसे नही पटती। उनके पीछे दिन रात लगना पड़ता है। तुम नही लगोगे तो लाइन में और भी कैंडिडेट लगे पड़े हैं। जिनको चिकनी चुपड़ी बातें भी आती हैं, बॉडी भी अच्छी है,पैसे भी खर्च करने को तैयार हैं और लड़की का नखरा भी उठा लेंगे।लड़की के पास चारा ही क्या है,कहीं न कहीं बेचारी फस ही जाती है।फिर लड़की चाहे भले ही दो चार रिलेशन में रहने के बाद कहे कि उसे सिंपल सादा लड़का पसंद है पर स्टार्टिंग में तो वही पसंद आते हैं जो जन्नत के सपने दिखाते हैं।

चैप्टर 2
लड़की की एंट्री

जब अनिल प्री फाइनल ईयर में था तो  एक दिन अचानक उसे जैस्मिन का फ़ोन आता है। जैस्मिन अनिल के दूर की रिश्तेदार की बेटी थी। अनिल जैस्मिन को दीदी कहके बुलाता था। दोनो एक दूसरे को बहुत अच्छे तरीके से जानते थे। उनके बीच की बॉन्डिंग बहुत अच्छी थी। 6 साल पहले वो जब मिले थे तब अनिल iit jee की तैयारी कर रहा था। उस वक़्त जैस्मीन देहरादून में रहती थी। अभी भी वही रहती है। कुछ साल बाद अनिल का सिलेक्शन  IIT ROORKEE में हो गया। रुड़की देहरादून के नज़दीक ही है ,दो घंटे के रास्ते पर । जब जैस्मीन को पता चला कि अनिल रुड़की आ गया है तो उसने अनिल से कांटेक्ट किया और अनिल से कभी मिलने को कहा। अनिल जैस्मीन से बहुत दिनों बाद बात करके खुश था। फिर एक दिन फाइनली प्रोग्राम बना , जैस्मीन को किसी काम से रुड़की आना हुआ। उस दिन अनिल और जैस्मीन की मुलाक़ात हुई।  उस दिन जैस्मीन के साथ उसकी एक फ्रेंड भी आयी हुई थी।उसका नाम रचना था। रचना ऐसी नही थी कोई उसे पहली बार देख के नोटिस कर ले। वो काफी साँवली थी लेकिन ऐसा भी नही था की उसमे कुछ नोटिसबल नही था।उसके चेहरे की बनावट बढ़िया थी और फिगर भी काफी अच्छा था।
खैर उस दिन तीनो ने डोमिनोज़ से पिज़्ज़ा खाया ,पुरानी यादें ताज़ा की और शाम होते होते अनिल ने दोनो से विदा लिया।
जैस्मीन से मिलने के दो तीन दिन बाद अनिल को रचना की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी। अनिल ने रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। दोनो ने काफी चैटिंग की उस दिन। बहुत सारी बातें शेयर कीं। उसके बाद लगभग रोज ही उनके बीच चैट होने लगी। अनिल को लड़की थोड़ी ओपन और फारवर्ड टाइप की लगी । अनिल ने चैट के दौरान ऐसी भाषा का प्रयोग किया जो वो जनरली अपने दोस्तों के बीच करता था। रचना को थोड़ी हँसी आयी लेकिन कुछ ऑकवर्ड जैसा माहौल नही था। उस दिन के बाद वो दोनो खुल गए और उनमें कॉफ़ी ज्यादा बातचीत होने लगी लेकिन  ऐसा भी नही था की अनिल के अंदर रचना को गर्लफ्रैंड बनाने की इच्छा जाग उठी हो। वो इस दोस्ती से ही संतुष्ट था। लेकिन रचना की मंशाएं कुछ और ही थी। जिसका पता अनिल को बहुत बाद में चला। लेकिन शायद तब तक बहुत देर हो चुकी होगी अनिल के लिए।
खैर रचना की मंशा अनिल से कुछ और ही थी और वो बस दोस्ती पर ही नही रुकना चाहती थी। रचना ने अनिल को फ़ोन करने की फ्रीक्वेंसी थोड़ी बढ़ा दी थी ,वो बहुत देर देर तक उससे बात करती थी।कुछ टाइम बाद अनिल इस रूटीन से तंग आ गया। दोस्तों के साथ टाइम बिताना उसे ज्यादा पसंद था। रचना के चक्कर में वो दोस्तो से कट गया। वो बेमन से ही रचना से बातें कर रहा था। रचना उसको प्रेशर डालती की वो उससे ही बात करे लेकिन अनिल को ये पसंद नही था। कभी कभी दोनो में लड़ाई भी हो जाती थी पर ज्यादा कुछ सीरियस नही था। अनिल ने अपने दोस्तो को रचना के बारे में बता रखा था। अपने दोस्तो के बीच धाक जमाने के लिए अनिल ने बता रखा था की उसने रचना को पटा लिया है और fb पे उसकी प्रोफाइल दोस्तों को दिखाता था। रचना का फिगर तो अच्छा था ही और एडिटिंग की मेहरबानी से वो गोरी भी बन गयी थी। तो fb प्रोफाइल वाली रचना ऐसी थी कि उसकी प्रोफाइल देख के लड़को की जीभ लपलपा जाय।दोस्तों की नज़र में अनिल को थोड़ी धाक तो बढ़ी थी ।  दोस्तो के बीच उसकी थोड़ी इज्जत बढ़ गयी थी उसे ऐसा फील होता था तो अनिल भी इसीलिए बस रचना से लगा रहता था लेकिन उसे रचना से प्यार नही था ।
एक बार अनिल की जैस्मीन से फ़ोन पे बात भी हुई थी, तो बातो ही बातों में उसने जैस्मीन से रचना के बारे में पूछा। जैस्मीन ने बुरा सा मुह बना के बोला की वो अब उसके साथ नही रहती और वो लड़की करैक्टर की ठीक नही है।
अनिल ने इसे दो लड़कियों की तू तू मैं मैं समझ कर इस बात को ज्यादा तवज्जो नही दिया। वैसे भी उसको रचना से बहुत लेना देना नही था। बात आयी और खत्म हो गयी।

चैप्टर 3
एंजेल फॉल

रुड़की से ऋषिकेश हरिद्वार आधे एक घंटे की दूरी पर हैं। देहरादून से ऋषिकेश की दूरी भी लगभग इतनी ही है। ये सब घूमने वाली जगहें हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर।
एक दिन अनिल का रचना से बातो ही बातो में घूमने का प्लान बना। अनिल बोला की तुम देहरादून से ऋषिकेश आ जाओ। उसकी बहन भी आयी हुई थी , तो उसको भी बोल दिया की साथ लेते आना। इधर अनिल अपने दो दोस्तों ऋषभ और अनुराग को भी साथ चलने को बोल दिया। दोनो तैयार हो गए।
दो दिन का प्लान बना वीकेंड पर। अगली सुबह प्लान के अकॉर्डिंग सब ऋषिकेश पहुंच गए।
क्योंकि ऋषिकेश फेमस था रिवर राफ्टिंग के लिए , वैसे तो ऋषिकेश राम झूला पूल और लक्षमण झूला पूल के लिए ज्यादा फेमस है पर अडवेंचर का मज़ा यो राफ्टिंग में ही है। इसलिए ये डिसाइड हुआ की गंगा में रिवर राफ्टिंग होगी।
अनुराग और दो लड़कियों को छोड़कर बाकी लोगो ने राफ्टिंग कर रखी थी।
वैसे राफ्टिंग कितनी बार भी कर लो पर जब पानी की लहरें उठती है न तो अंदर तक रोमांच भर जाता है। राफ्टिंग शुरू हुई। सभी लोगो ने जम के राफ्टिंग की जब तक राफ्ट पानी में थी सब चिल्लाते रहे। ऐसा लगा की अब डूबे कि तब डूबे। कभी कभी तो लहरें इतनी ऊपर उठ जाती कि मानो राफ्ट उलट ही जाएगी। पानी का बहाव बहुत तेज़ था। लेकिन मज़ा भी तो उसी में है, एक बार तो ऐसा हुआ की अनुराग राफ्ट के नीचे आ गया।हम सभी डर गए। अनुराग लहरो के साथ ऊपर नीचे हो रहा था, उसके पीछे राफ्ट और सभी लोग चिल्ला रहे थे।सब  लोगो ने लाइफ गॉर्ड  को बोला की अनुराग को बचाओ। गॉर्ड ने बोला की लाइफ जैकेट है कुछ नही होगा, जब पानी का ठहराव आएगा तभी निकाल सकते हैं तब तक सभी लोग चप्पू चलाते रहो नही तो राफ्ट पलट जाएगी। सभी लोग पूरे दम के साथ चप्पू चला रहे थे और अनुराग को लहरों के अंदर बाहर देखकर सभी को यमराज नज़र आने लगे।लेकिन कुछ देर बाद पानी का बहाव रुका। ऊपर वाले का करम था, अनुराग जिंदा था और लाइफ जैकेट के सहारे तैर रहा था। गॉर्ड ने उसको ऊपर खिंचा। सब ने राहत की सांस ली और अनुराग से उसका नियर टू डेथ एक्सपीरियंस पूछा। अनुराग बड़ी मस्ती में सब बता रहा था जैसे रोज ही गंगा में गिरता हो।यहां बाकी सब ही हालत खराब हो रखी थी।
खैर थोड़ी देर में ही सब लोग अपने रिवर राफ्टिंग के मिड रास्ते में पहुँच गए। वहाँ पर किनारे मैग्गी पॉइंट था। सब सब थर थर कांप रहे थे। ऐसे में मैग्गी खाने को मिल जाए तो समझो मरते को अमृत मिल गया। वैसे भी एक होस्टलर ही बता सकता है मैग्गी का महत्व,ऊपर खुदा है तो नीचे मैग्गी।
मैगी खा के सबके जान में जान आयी। चप्पू चला चला के सारी एनर्जी जो निकल गयी थी। गर्म गर्म मैग्गी को खाके वापस आ गयी। उसके बाद सब लोगो ने माघी पॉइंट वाले पहाड़ से जो कि पानी की सतह से 30 फुट रहा होगा पानी में झलांग भी मारी।राफ़्टिंग खत्म होते होते शाम के 4 बज गए। सब लोग ने लोकल मार्केट घूमा, राम और लक्ष्मण झूला पूल देखा। आश्रम गए । ये सब करने में 7 बज गए उसके बाद  एक गेस्ट हाउस किराए पे लेकर वहाँ रात ठहरने का डिसाइड किया।
रात काफी देर तक खाना खाने के बाद सबने अपनी अपनी कहानियां सुनाई, हँसी मज़ाक का दौर चला । अनुराग के एडवेंचर पर चर्चा हुई। कुछ दोस्तो घर परिवार की बात हुई। क्योंकि हमने दो रूम लिए थे, एक में रचना और उसकी बहन चले गए दूसरे में सभी लड़के। ऋषभ बालकनी में टहलने चला गया उसे नींद नही आ रही थी। उसको सिगरेट पीने की भी आदत थी तो वो अपना सुट्टा फूंकने चला गया। अनिल भी बेड पकड़ लिया। अनुराग पूरी तरह नींद में चला गया। अनिल अभी आधी नींद में ही था और सोने जा रहा था कि उसने कुछ आवाज़ सुनी जो बालकनी से आ रही थी। ये आवाज़ रचना और ऋषभ की थी। वो लोग क्या बात कर रहे थे अनिल ये तो नही सुन पाया पर उसने बेड पर लेटे लेटे ही रचना को सिगरेट फूकते हुए देखा। अनिल को इससे पहले नही पता था की रचना सिगरेट पीती है और उसने अनिल को कभी इस बारे में बताया भी नही था।पता नही अनिल को क्या महसूस हुआ पर उसको अचानक से इनसिक्योरिटी सी फील हुई। जब तक दोनो सिगरेट फूकते रहे ,अनिल बेड पर ऐसे करवट बदलता रहा जैसे की आग के बिस्तर पर लेटा हो।वो दोनो रात के तीन या चार बजे तक ऐसे ही बात करते रहें और अनिल अपनी बेचैनी में रात भर जलता रहा। रचना को लेकर उसकी सोच बदल गयी थी। अचानक ही उसे ये लगने लगा कि रचना उसे धोखा दे रही है। जबकि अनिल को भी पता था की ऐसा कुछ है नही ,क्योंकि दोनो गर्लफ्रैंड बॉयफ्रेंड नही बने थे,पर न जाने कहाँ से उसके अंदर जलन की भावना आ गई थी। शायद यही इंसान का ट्रू नेचर है ,जब तक चीज़ पास रहे उसकी कीमत पता नही चलती पर जैसे ही लगे वो दूर जा रही है इंसान उसके लिए तड़पने लगता है।
अनिल को लगने लगा था की रचना तो उसकी है।क्योंकि ऋषभ काफी स्मार्ट और बॉडी से बहुत attractive था तो अनिल को लगने लगा कि रचना और ऋषभ का चक्कर शुरू हो गया है। यही सब सोचते सोचते अनिल सो गया पर उसे सारी रात नींद नही आयी। सुबह अनिल ऋषभ और रचना को वाच करने लगा। ऋषभ तो ठीक था लेकिन रचना की बॉडी लैंग्वेज बहुत चेंज हो गई थी। वो ऋषभ से कुछ ज्यादा ही फ्रेंडली बीहव कर रही थी। कल से बिल्कुल भी अलग।
आज का प्रोग्राम था कि सब लोग एंजेल फाल जाएंगे। ये इतना पॉपुलर स्पॉट नही था। बहुत लोग इस जगह के बारे में जानते भी नही थे। इसका रास्ता राम झूला पूल के आगे से जाता था।सब लोग आगे बढ़ गए। रचना ऋषभ के साथ आगे चल रही थी,अनिल अनुराग और रचना की बहन उनके पीछे। सब के अंदर फाल को लेकर excitment था लेकिन अनिल के अंदर दूसरे सवाल ही तूफान मचाये हुए थे। अनिल ने कुछ सोचा और अपनी चाल तेज़ कर दी और सबसे आगे पहुच गया। तीन चार किलोमीटर चलने के बाद भी फाल नज़र नही आया। सब लोग थक चुके थे। पहाड़ो पर चलना वैसे भी आसान नही है। अनिल आगे था । उसने रचना को आवाज़ देते हुए कहा,” चलो हम आगे पूछ के आते हैं फाल का रास्ता, इन लोगो को पीछे आने दो”।
रचना अनिल के साथ चल देती है। बहुत देर तक चलने के बाद भी दोनो को कोई मिलता नही जो बता सके फाल किधर है। पीछे वाले भी नज़र नही आ रहे थे तो रचना थोड़ी वरीड हुई, पर अनिल ने भरोसा दिलाया की तुम्हारी बहन को कुछ नही होगा, उसके साथ दो बहुत ही भरोसेमंद और हट्टे कट्टे लड़के हैं। पहाड़ो पर फ़ोन के सिग्नल भी नही मिलते तो रचना थोड़ी परेशान हो रही थी पर अनिल के भरोसा दिलाने पर वो थोड़ी शान्त हुई। कुछ दूर चलने के बाद अनिल और रचना को मिलिट्री की एक गाड़ी नज़र आयी। गाड़ी के पास ही दोनो ने आराम करने की सोची। बहुत देर से अनिल और रचना अकेले चले जा रहे थे तो अनिल के पास वक़्त था। अनिल ने अब वो कदम उठाया जो वो अब तक उसने नहीं उठाया था। क्योंकि उसके दिमाग में रात वाली बातें चल रही थी ।उसे लगा इससे पहले की रचना ऋषभ से सेट हो जाए अनिल ने सही मौके का फायदा उठाया और रचना से फ़्लर्ट करने लगा। रचना ने भी अच्छा रिस्पांस दिया तो अनिल थोड़ा और आगे बढ़ा लेकिन लिमिट क्रॉस नही की। कुछ दूर और चलने पर एक चाय वाले ने फॉल का रास्ता बताया जोकि मेन रोड से कट के ऊपर की तरफ जा रहा था। दोनो बात करते हुए ऊपर की ओर चलने लगे। फॉल काफी ऊँचाई पर था। एक जगह आयी जहाँ रचना थक गयी और बैठ गयी। अनिल भी उसके साथ वहीं बैठ गया। उसने रचना को बोला की तुम अपना सर मेरी गोद में रख के आराम कर सकती हो। रचना ने अपना सर अनिल की गोद में रखा और आंखे बन्द कर ली। पहली बार अनिल ने रचना को इतने करीब से देखा क्योंकि रचना की आँखे बन्द थी तो अनिल उसे देखे जा रहा था।पता नही वो जंगल का खालीपन था ,ठंडी हवा थी ,पंछियो के चहचहाने की आवाज़ या फिर कुछ और शायद उसकी कल रात की जलन, अनिल ने रचना की तरफ आकर्षण महसूस किया ।कुछ सोच के उसने रचना से बोला कि तुम कहानी सुनोगी एक, मै सुनाऊ?
बन्द आंखों से ही रचना ने हाँ में सर हिलाया, इस समय रचना के चेहरे पर भी प्यार वाले भाव थे, मानो वो समझ रही थी कि अनिल क्या करने की कोशिश कर रहा है लेकिन वो फिर भी अंजान बनने का नाटक कर रही हो।
अनिल ने अपने हाथों की उंगलियों से उसके माथे पर हाथ फिराया। रचना हल्की सी चौक गयी पर उसने आंख नही खोली। अनिल ने उसके माथे पर हाथ फिराते हुए कहा कि एक बार दो लोग जंगल में घूमने गए। जंगल बहुत घना और पहाड़ो के बीच था। जैसे जैसे अनिल कहानी सुना रहा था वैसे वैसे ही उसके हाथ रचना के चेहरे पर मूव कर रहे थे। कहानी में वो रास्ते की बात कर रहा था , उसने कहा की रास्ते में एक खड्डा आ गया तो उसका हाथ माथे से उसकी आंखों में आ गया। खड्डे से निकल वो लोग जैसे आगे बढ़े उन्हें दो  एक जैसे लाल रंग के फूल मिले और फिर उसका हाथ आंखों से आगे बढ़ के उसके होटो की तरफ बढ़ गया। रचना चुपचाप होटों पे हल्की मुस्कान लिए सब सुन रही थी और बीच बीच में जब अनिल रुक जाता तो उससे पूछती आगे क्या हुआ बताओ।
अनिल ने कहानी आगे बढ़ाई और बोला की फूल मिलने के बाद वो लोग आगे चले और चलते चलते रास्ते में नीचे की तरफ ढलान आयी। उधर ढलान आयी इधर अनिल का हाथ  गर्दन पे आ गया। जैसे ही अनिल का हाथ गर्दन पे आया , रचना के चेहरे पर थोड़ी शर्म वाली मुस्कान दौड़ गयी। जैसे उसको समझ आ गया हो कि आगे रास्ता कहाँ से गुजरने वाला है। लेकिन रचना ने कोई प्रतिरोध नही दिखाया  । रचना ने अपने भावनाओ को कंट्रोल करते हुए अनिल से पूछा फिर क्या हुआ। इधर अनिल भी मिल रहे रिस्पांस से खुश हो रहा था और उसकी हिम्मत भी बढ़ रही थी।  अनिल ने रचना से कहा कि अब आगे का रास्ता कठिन है।
रचना ने पूछा क्यों, क्यों कठिन है?
अनिल ने कहा,” आगे दो बड़ी बड़ी चट्टान है और उनके बीच में एक खाई है” ये कहते हुए वो अपना हाथ उधर बढ़ाने लगा जहाँ उसे खाई नज़र आ रही थी। रचना ने अनिल का हाथ पकड़ लिया और हड़बड़ाते के बैठ गयी और शर्माते हुए एक पेड़ पर टिक के खड़े हो गयी।
रचना ने माहौल को चेंज करते हुए कहा ,”कहानियां ही है या कोई फॉल भी है”
अनिल न कहा कि आंखे बन्द करो तो रचना ने हँसते हुए कहा नही मुझे आगे की कहानी मालूम है तुम मुझे बेवकूफ न समझो।
अनिल ने जोर से हँसते हुए कहा ,” मै कहानी नही सुना रहा , तुम आंखे बन्द तो करो।”
रचना ने आँखे बन्द कर ली।
अनिल ने पूछा ,कुछ सुनाई दे रहा है?
रचना बोली नही, कुछ भी तो नही सुनाई दे रहा।
अनिल ने कहा,”ध्यान से सुनो,सभी चीज़ों से ध्यान हटा के ”
रचना मुसकुराने लगी , उसने बोला ,हाँ सुनाई दे रहा है। कही से पानी बहने की आवाज़ आ रही है।
अनिल ने कहा की ये उसी पानी के बहने की आवाज़ है जिसका झरना देखने हम जा रहे हैं।
रचना और अनिल ने वैसे तो एक दूसरे से अभी कुछ भी नही कहा था पर यहाँ वो एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे।
कुछ थोड़ा और ऊपर चलने के बाद रचना को पानी की आवाज़ साफ साफ सुनाई दे रही थी पर झरना नज़र नही आ रहा था तो उसने बनावटी गुस्से में अनिल से बोला यार कहां है तुम्हारा झरना,इतने देर से चल रहे हैं पर नज़र नही आ रहा।
अनिल रचना के पीछे बहुत ही करीब आके खड़ा हो गया और उसको अपनी बाहों में हल्के से पकड़ लेता है। फिर उसके राइट हैंड को अपने हाथ से पकड़ के उठाता है और उसको पीछे की तरफ मोड़ते हुए एक तरफ इशारा करता है। वहाँ से जो सीन दिखता है शायद ही रचना ने कभी इमेजिन किया हो। रचना ही क्या कोई भी होता तो वो सीन देखकर खुशि से भर जाता।
वहाँ ऊपर बहुत ऊँचाई से फाल का पानी गिर रहा था, उस वक़्त सूरज ठीक फॉल के मुखाने पर चमक रहा था। ढेर सारी लताओं और जंगली पेड़ो के बीच से वो नज़ारा देखने में अद्भुत लग रहा था। ये देख के रचना इतनी खुश हुई की उसने अनिल को गले लगा लिया। थोड़ा और चलने के बाद दोनो फाल के पास पहुच गए । वहाँ दो चार अंग्रेज़ और एक दो इंडियंस थे। सब झरने के नीचे नहा रहे थे।अनिल और रचना भी झरने में नहाने का मज़ा लिया।दोनो एक दूसरे को झरने के पानी में भिगो रहे थे। बौझार मार रहे थे। पानी में ऐसे खेल रहे थे की जैसे कभी पानी देखा ही न हो। झरने का पानी चूंकि सीधे पहाड़ो से आ रहा था तो ठंडा भी बहुत था लेकिन वो दोनो एक दूसरे में इतना खोये हुए थे कि ठंड का अहसास ही गायब हो गया था।
जब जोश ठंडा हुआ तो बाकी लोगो की याद आयी और दोनो ने वापस जाकर बाकी लोगों को ढूढने का सोचा। अभी दोनो निकल ही रहे थे की बाकी लोग भी आते दिखे। उन लोगो ने बताया की वो किसी दूसरे झरने पर चले गए थे। ऋषिकेश में बहुत सारे झरने हैं। किसी ने उन्हें गलत झरना बता दिया था।उसके बाद सब लोग नीचे उतरे , सुबह अनिल को ऋषभ से जो जलन हो रही थी अब खत्म हो चुकी थी । वो जानता था की उसने उस चीज़ को जीत लिया जिसके वजह से उसे जलन हो रही थी। रचना की आंखों में कुछ था जो अब तक नही था उसके चेहरे का रंग भी कुछ बदल गया था। रचना ने इससे पहले ऐसा कुछ भी  महसूस नही किया था। ये कहने की जरूरत नही थी ,उसका चेहरा सब कह रहा था।
सभी लोग वापस बस स्टेशन पहुँचे । अनिल और उसके दोस्तो ने रुड़की की बस पकड़ी । रचना देहरादून चली गयी। एक एडवेंचर खत्म हुआ लेकिन एक दूसरी कहानी स्टार्ट हो चुकी थी। रचना और अनिल की।
वो कहते हैं न जिस मकान की नींव सही न हो उस पर इमारत ज्यादा देर टिक नही सकती। रचना और अनिल में जो शुरू होने वाला था वो प्यार नही था,इसकी जड़ में जलन थी।

कहानी लिखने में बहुत वक़्त और मेहनत लगती है।ये कहानी लिखने में मुझे 3 महीने लगे। आगे अगर आपको कहानी जाननी है तो कमेंट में बताइयेगा। तभी शेयर करूँगा।

Do you have a story? Click here to submit it / Connect with the admin

450 thoughts on “त्रिशा- कहानी डबल धोखे की Part I – Nawab”

  1. Yeh meri friend ki story hai
    ????

    .

    आए हो मेरी जिंदगी में तुम बहार बन के
    मेरी जिंदगी खुली किताब की तरह थी। उस किताब में लोगों के लिए प्यार और हमदर्दी के सिवा कुछ नहीं था। मैं अपने दोस्तों के लिए कुछ भी कर सकती थी और मेरी इस आदत ने मुझे परेशानी में डाल दिया था। एक वक्त ऐसा भी आया जब मैं बिल्कुल अकेली हो गई थी। मैं उन दिनों 12वीं के एग्जाम की तैयारी कर थी, जब तुम मेरी लाइफ में आए थे। मैं बहुत टूट चुकी थी। हर कोई मुझे बातें सुनाता था, जबकि मेरी कोई गलती नहीं थी। मैं तो बस अपनी दोस्त की जिंदगी बचा रही थी और सबने मुझको ही गलत समझ लिया था। अपनी पर्सनल दुश्मनी निकालने के लिए सभी ने मुझे बेवजह बदनाम करना चाहा। उस वक्त तुमने मेरा हाथ थामकर मुझे सहारा दिया। तुमने मुझे उस मुश्किल दौर से निकाला था। हालांकि, मैं इतनी बार धोखा खा चुकी थी कि मैं तुम पर भी भरोसा नहीं कर पा रही थी। तुम मुझे समझाने की कोशिश करते लेकिन मैं हमेशा तुमसे दूर ही रहती। मुझे बहुत देर बाद अहसास हुआ था तुम्हारे प्यार का। तुम मुझसे कहते थे कि मैं तुम्हारा हाथ कभी नहीं छोड़ूंगा और तुमने ऐसा किया भी। तुम आज भी मेरे साथ हो। तुम्हारे घरवाले जानते हैं कि मैं तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूं और बहुत ही जल्द हमारी शादी होने वाली है। तुम मुझे अपने पापा से मिलवाने वाले हो यह सोचकर मैं काफी एक्साइटेड हूं। मैं भी उनसे मिलना चाहती हूं। मेरी जिंदगी में आने के लिए और मुझे अपनाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया अमित। आज के दिन मैं तुमसे बस यही कहना चाहती हूं ‘आए हो मेरी जिंदगी में तुम बहार बन के’…आई लव यू

  2. Sun meri shehzaadi main hu tera shehzada…!!????????????

    Baahon mein leke tujhe main karta hu vaada…!!????????

    Aai jan-e-tamanna meri main khake kasam teri…!!????????

    Yeh karta hu ikaraar….!????????

    Marr bhi gaya toh main tujhe karta rahunga pyar…!????????

    .

    ????????<>????????

  3. Ntk tabassum ranndi

    Bohat ghamand haina tujhko rohan ki yahapr tujhe bohat log love karte hain fans zada hai isliye janbuchkar kisiko barabar reply nahi deta ta ke log tera num mangle or wahape tu maze karega kya plan hai tera wake hi kitni ladkiya fasali tune bata?

    Ye site par lover boy tera naam rehna tha khama kha us ajay ka naam hai. Tu hai laundiya baz bohat ghamand hai tujhme zada se tewar hai but jaln is baat ki hai k terese ladkiyan Phir b bat karti hai sali kamini kahinki

    1. Mujhme kOi ghamand nahi hai…!

      Miss tabassummmmmm ????????????

      Ol haan mele fan’s hain tOh

      Tia hua ? Tumhein q prb hain yl

      …..!?????????

      Apna naam dekho kaicha hai Hehe

      ???????????????? tum real hO ya fake.

      I Don care…..! Aainda mele cmt!

      Ka reply na dena…///// ????????????

      Tumhre muH pal thhukna b acha nahin Lagta….! ????????????????????????????

  4. So Strange Love Story.

    Hey there! It’s me, Prince here. I feel myself so lonely because, I don’t have any friends. If Any Boy or Girl, Who needs A Good & Faithful Friend and Would like to Friendship with me? So, Please WhatsApp/Message me on 9199007192. Only Serious Persons are allowed, Arrogant People & Time-Passers Stay Away.

  5. Kahani to bahut acchi hai

    Padte padte Humne enjoy Bhi Kiya

    Hum samajhte Hain Ki
    Waqt aur mehnat Kitna lagta hai

    Hame janna hai aage kya hota hai please continue

    I love “The Lovers Point”

  6. मुझे समझ नही आ रहा, मेरी कहानी के नीचे सब लोग रोहन नाम से कमेंट क्यों कर रहें हैं।

  7. Assalamu alikum Rohan
    Main kafi dinse silentreadr hu
    Mne apko fb pr req di hai
    Dekho agar manzoor hoto add karna
    Naam pretty doll hoga

  8. Assalamu alikum Rohan
    Main kafi dinse silentreadr hu
    Mne apko fb pr req di hai
    Dekho agar manzoor hoto add karna
    Naam pretty doll hoga
    .

  9. Good morning friends…!!

    Shona…
    Pritu
    Nasreen
    Sakshi
    Teena
    Hina
    Marjina
    Mahi
    Naina
    Chanchal
    Surander
    Ali
    Amit
    Sumit
    Zara
    Mona
    Sona
    Isha
    Vishanavi
    Riya
    Salman
    Aksha
    Dipi
    Nashrin
    Shomi
    Nimrat
    Mahira.
    Zubeda
    Jiya
    Ashi
    Kavya
    Lakshmi
    Tammana
    Ramya
    Anjel
    Ashi hyd
    Aisha
    Aisha Pakistani
    Dev
    Vishal
    Raghu
    Raj
    Irfan
    Manisha
    Mannu
    Zayn
    Sonu
    Dilawar
    Arshad
    Shadab
    Babita
    Dil jeet
    Gauri
    Fatima
    Mahaves
    Sakina
    Aliza
    Roushni
    Alone
    Vividha
    Nazneen
    Shireen
    Devika
    Bushra
    Pooja
    Swetha
    Jannat
    Aliya
    Vinod
    Annirud
    Nisha
    Nisha itali
    Nisha delhi
    Nisha pd
    Nisha kerala
    Ratna
    Jenny
    Rupali
    Kali
    Anwar
    Savita.
    Mamta
    PriyNka
    Rabbu
    Ankita delhi
    Ankita Jaipur
    Ankita hyd
    Rohit
    Rahul
    Mastan ali
    SoumyA
    Karan
    Rohan sharma
    Rohan Gujrat
    Sabh ko mera pyar bhara
    Salam good morning ????.

    .

    .
    Koi rehgaya toh im sry.

    ????????????????

      1. im joking yr wayse amit or my apko kal bohat miss karre the but ky kare apko kal chhuti thina kal hm amit bhaise call pe hi bat karliye but ek kami wo the ap ramya

    1. Kuch janbuchkar ignore karte hai…..!!

      Toh kuch log peeche hi padjate hainn….!

      Ye life ka hai tarana doston!

      Kabhi apna toh kabhi paraya…!

      ????????????????

  10. पत्नी: तुम पूरी दुनिया में खोजोगे तब भी मेरी जैसी नहीं मिलेगी ….!????????

    पति: हद करती हो। अब मैं दोबारा तुम्हारे जैसी ही क्यों खोजूंगा। ????????????????????????????????????????

  11. Sabke sab dhoke baaz hainnn….!

    ????????????….chasma lagar

    Bhi dekhO tOh koi aata hi nahi

    ????????????…!

    Dil jalta hai toh jalnede aansuna baha far yaad na karrrrrr????????

    ???????????? wah rohan…!????

  12. Koi jaane koi na jaane….!

    Koi jaane koi na jaane ye…!!

    Parwaane hote hain deewane…!

    Dekho ye do parwaane hain
    Dono hi deewane….!!????

    Jab se mili hai aankhein…!????

    Hosh hain dono hi ke gham..!????????

    Kaisa ghumaar hai ALLAH ALLAH

    Kaisa ye pyaar hai ALLAH ALLAH

    ????????????????????????????????????

    ????????????

  13. Hello rohan kya baat hai
    Ab samajhme aaya k log apke fan kyun hote hain
    Itne gam me bhi aap kitne happy honeka natak karte ho. I like it im impressed

  14. dhoke baaz meri life nahi hain…!

    Dhoke mujhe hi khaane padte hain

    ????

    Isliye subha ek APPLE dhoke

    Shamko kO ek anar DHOKE ????????????

    ????????????????
    ROHAN

    1. Shehzaada
      Rohan
      Muje apse kuch poochna h…

      Kiya ap bataoge
      Muje apse kuch baat poochni h
      Agar apko koi prob na ho to…
      Mera reply krna fir m apse ek sabal krunga uska answer dena ho to bata dena…

  15. Kabhi kabhi jeet hasil KarnekO….!

    HAAR na zaruri hota hai… ????

    Ol HAAR kar jeet ne waale kO..!

    BAAZIGAR KEHTE HAINNNNNN…..! ????????????????????

    lekin meri me kabhi kabhi nahin…!

    Hamesha HAAR na padta hai ????….!

    Ol mujhe rohan kehte hain ????????????????

    1. Kuch nahi bura mat maniyega rohan ji list me aapka naam b likha hai phir apne usko ignore kyun kiya
      Apne dekhar bhi mayur se baat chit kar rahi thi. Or unka hi waiting kar rahi thi sry bas ye aisa q kar rahi ho aap bura laga toh sry waja batadena aapne aisa q kiya

      1. Abeera ji..

        Ap har kisi ke bich q ati ho…

        Un logo ne rohan ko dekha nhi ho ya fir wo unko reply nhi dena chahti ho to ap bich q ati ho….
        Jo jisko ignore kr rha h wo usko ignore krdo prob solwe…..

  16. nhi yaay aisa kuch nhi m kisi ko ignor nhi krti hu maine reply bhi diya tha unhe fir m mayur ji se baat karne lgi thi ignor kisi ko nhi kiya maine m sabse baat krti hu mere liye yha pr bane mere frnds sab ek jaise h koi km ya jyada nhi h

  17. Thax rohan..

    Ap apna name aur icone to thik se phchante hi ho na…

    Shehzaada name se apki commt ati h
    And iska icone bhi sab jante h…

    Jab apko icone aur name sab malum h to ye kon h

    Avinash kumar

    Jo ye bol rha h ki mera name shehzaada h m jaha bhi commt krta ho to sb muje rohan q bula rhe h…
    Jbki iski shehzaade name se bhi commt h unka bhi icone same h aur apki commt ka bhi icone same h…

    Ab ap ye batao apka icone do jagah kese yr…

    Isi story pr uper commt read krna sab kuch uper hi h…

    Muje sirf itna bta do ki ek name ke do insan to hote h pr ek icone ke do insan kbi nhi aa sakte
    Qki ek gmail se ek hi icone ata h….

    Sare redars jo silent h wo bhi is baat ko thik se dekhna….

    Sabko bewafa kehne walo tum bhi thik se dekhna sab….

    Kuch glt bola ho uske liye m so sorry…..

    1. Woh nahi bolraha k uska naam shehzaada hai….!

      Woh bolraha hai uska naam Avinash h…!?! ????

      Ol jo Shehzaada main hun bola yani rohan ka.

      Wo amit ne kaha hai.??

  18. Ye baat mere aur Rohan ke bich m chal rhi h..

    Koi bhi hamare bich m apni tang na adaye…
    Bus..

    Bus sirf aur sirf iska answer rohan ko hi dena h..

    Request kr rha hoo..
    Koi bhi apni tang na adye plzzz….

    1. Kaha bhai mere naam se cmt….!

      ????????????????

      Whattttttt….! ???

      Ek min bhai sare msgs check karleta hunnnn….!

      ????????????

  19. Dekhliya maine alone Bhai….!

    ???????????????? Hehe aapne kaha dekhliya ke

    Avinash ji ka mela icone same hai…?????

    Ale yl wo mere dost mujhe dost rohan kehrahe the tOh…!

    Avinash bhai samjhe ke unko bolrahe hainnnn!

    Matlab story unki haina yal…!

    Isliye baadme Amit bhai ne msg

    Dediya tha unko ke shehzaada name kO jo icone hai

    Wo rohan ka hai dekhlO aap….!

    Tum bhi na kuch b sochletO bhai

    ????????????

    Thim se dekhO…. /////????

  20. Ye site pal Shehzaada wala cmt…!

    Mela hi HOya hai yl……!

    Ol mere writing me unKi writing me fark nai dikhta bhai ..!

    ???? lOl..!!

    1. Abeera ji…

      Mene phle hi mana kiya na ki ham dono ke bich koi nhi ayega..

      Mene apse poocha to nhi ki kon h ye kiski commt h…..

  21. Kitni Dard Bhari Hai Teri Meri Prem Kahani…!

    Kitni Dard Bhari Hai Teri Meri Prem Kahani…!!

    Saat Samundar Jitna Apni Aankhon Mein Hai Pani…!!

    Main Dil Se Dil Mujh Se Karta Hai Jab Teri Baaten…..!

    Saawan Aane Se Pehle Ho Jaati Hai Barsaaten….!

    Oh Ghar Aaja Pardesi Ke Teri Meri

    K TERI MERI EK ZINDADI….. ????????

    ????????????????????????????????????????????????????????

  22. मेरे तो अभी तक समझ नही आ रहा , मेरे आर्टिकल के नीचे मेला क्यों लगा हुआ है। ये मेरा पहली स्टोरी है, इस साइट पर। अच्छी बात है ,यहाँ रोहन(सहजादा) के फैंस उनसे डिसकस कर रहे हैँ। पर मेरी स्टोरी के नीचे क्यों और ये साइलेंट रीडर क्या होता है।

          1. mai bhi achi hu
            di lgta hai sb bhul gye koi ata hi ni tk pk ,tabu di aur isha di
            ap bhi bahut kam ati ho

      1. me kya janu bhai mujhe kya pta apne kyu miss kiya itna ramya ko ab iska answer ya to ap de skte ho ya ramya
        hahahahahahhaha………

  23. m kyu de sakti hu iska answer m to kal bhut busy thi na kal ladke wale aaye the mujhe to unke aane ka pta nhi tha subh pta chala tha to mujhe kya pta mujhe kon miss kr rha haur kyu

  24. bs nhi karungi meri marji mujhe abhi shadi nhi krni h aur agr krungi to duniya k kisi bhi ladke se kar lungi pr isse nhi krungi

    1. yes bro as know what myself is amit and i m from noida.
      anw now days i work in haldiram snakes pvt ltd on designation “HR manager”.

  25. Har ladki aisa feel Karti h.. Jab koi ladke wale Dekhne aate h or ladki ha na ha na Karti h.. Thoda sharmati h and all… Jab hum jaise dost tang khichte h…no idea aisa Hota b h ya nahi..

  26. That time.. Tum hum logo ko dund hi nahi paogi….shayad.. Or me to kuch b nahi Bataunga.. Agar aisa hua to b… Bakiyo ka Pata nahi

      1. Kya meine aisa kuch kaha… Decision khud ka b hona chahiye or family to involve hoti hi h 100. % Girls k matter me to rehta hi h.

  27. ha ha bilkul aur vishal ji m aapse koi argu nhi krungi mujhe pta h aap bhavisyawani kr lete h pr mujhe apna hasra pahle jaisa nhi karna h bura mat manna

      1. ha aa jayiye mere ghr m member kam h na kaam badhane k liye mujhe to din bhr yhi kaam h kaam sametane koi nhi aata badane aajate h sb

  28. manjur ji hr cast ka alg cut off hota h 40% aur 45% tk hota h bc k liye 45% hoti h aur ap iss bare m @nta.nic.in pr jaakr pta kr sakte h

  29. please bura lge to sorry pr mujhe apka anjali name acha nhi lgta mujhe is name se hi nafrat hai qki ye name meri best frnd ka tha pr ab vo mujhse bat bhi nhi krti hai or shadi bhi kr li or mujhe btaya bhi nhi

  30. agr mujhe bta deti to kya ho jata tha
    pta hai phle bolti thi ki me tujhe apni shadi me bulaugi or fir btaya bhi nhi shadi bhi kr li

    1. pr m aisa nhi karungi m jarur buaungi apko apni shadi m aur gussa mat kijiye agr apke aas pass koi flowerpot ya kuch aur ho to use tod dijiye gussa chala jayega

    1. office ka hai madam samjhi
      and loss ye ho gya ki tum agr mujhe phle mili hoti to me apni bhanji ka name ramya hi rakhta lekin ab to uska name karan ho chuka hai

    1. are nhi yrrr….meri doll gussa ho gyi me mjak kr rha tha vese bhi meri doll bhut kam krti hai
      kon bolta hai ki meri doll kam bigadti hai
      bulao use mere pass

        1. yrrr ramya ye kya faltu bol rhi ho me life me kabhi nhi chahuga ki ap meri bajah se paresan ho
          me to yrr mjak kr rha tha mujhe kya pta ap itna hyper ho jaogi….
          yrrr bura lga ho to sorry ab me nhi bat kruga

          1. ooh plz aisa mat krna m hyper nhi ho rhi hu pr agr apko aisa lgta to m kuch nhi kr sakti sb chhod jate h mujhe jise bhi apna manti hu ap bhi chhod jayiye mujhe bura nhi lagega i m sorry

  31. ramya sorry sorry sorry sorry
    yrrr okkk yrr esa nhi bolo yrr me nhi chod kr ja rha hu yrrr plzzzzzzzz santi mt hona apko meri kasam

    1. nhi m kuch nhi kr sakti hu mera bhi bhut mann krta h apse baat krne ka pr m na to call kr sakti hu na hi msg bs yhi kr sakti hu

    1. sahi bat hai
      and mayur kuch hai apke liye

      Pyaar toh kiya mainey bahut,
      Magar izhaar na karna aaya.
      Asney poocha toh mujhsey bahut,
      Magar ikraar na karna ayaa. …..

        1. ramya ye sach hai ki mene love me bhut bada dhoka khaya hai lekin ye bhi sach hai ki me use kabhi yad nhi krna chahta jisse mujhe bhut tdpaya hai ab ye life sirf mere mom-dad ki hai vo jesa kahege me vesa krta chala jauga

  32. vese mayur & ramya me ap ko ek bat or btana chahta hu ki mene state lavel pr jaker prestige team ki trf se game bhi khela hai and mera fav game cricket hai

  33. off course h kyuki jostory aapki h same whi meri bhi h bs baat shadi tk nhi pahuchi thi usse phle hi mujhe sb pta chal gya aur maine use chhhod diya agr m aisa nhi krti to pta nhi mera kya krta wo kisi bhi had tk ja sakta tha paiso ke liye

    1. okkk ramya me apki story janne ke liye apko force to nhi karuga lekin ek frnds hone ke nate agr apko lgta hai ki mujhe apki story janne ka huk hai to ap btaiyega jarur.

  34. Ha baby time nahi milta clg jaoi fir clg se ghar fir ghar ka pura kaam tabhi kam aati hu pta nahi tabu aur isha ku kaam aati h tk ka bhi nahi pta h

  35. Berukhi si Meri mohabatt
    Aati nhi ise Samj duniya ki baate
    Kehte h log Pagal Muje
    Jab dikhta unhe koi majnu Meri tarah
    Aate jaate
    ………………p

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *