चैप्टर 4
The last night in doon
ऋषिकेश के बाद दोनो (अनिल और रचना)के रिलेशनशिप में काफी बदलाव आ गया था। लेकिन I love you अब तक किसी ने भी नही कहा था। प्यार का इकरार नही हुआ था लेकिन दोनो आपस में खूब बातें किया करते । अब अनिल को रचना से बात करना उतना बुरा नही लगता।धीरे धीरे दोनो एक दूसरे को काफी समझने लगे थे।
एक बार रचना किसी काम से रुड़की आयी और उसने अनिल को बताया की वो रुड़की आयी हुई है। अनिल उससे मिलने भी गया। अनिल खुश था रचना से मिलकर। दोनो पूरा दिन इधर उधर घूमते रहे। अनिल उसको अपनी फेवरेट जगहों पर ले गया। ऐसे ही घूमते खाते पीते 3 बज गए। रचना को वापस देहरादून भी जाना था।
रचना ने कहा,” मुझे जाना होगा।”
अनिल को ये सुन के बहुत बुरा लगा। ऐसा मानो की की किसी बच्चे से उसका खिलौना छीन लिया गया हो।
अनिल ने बच्चों जैसी शक्ल बनाते हुए बोला, चलो मैं तुम्हे देहरादून छोड़ आता हूँ। उधर से मैं बस या ट्रैन से वापस आ जाऊंगा।
रचना भी जैसे यही चाहती हो , उसने खुशि जाहिर करते हुए बोला ठीक है।
दोनो ने देहरादून की बस पकड़ी और चल दिए। बातों बातो में दो घंटे का रास्ता कैसे कट गया पता ही नही चला। लेकिन अभी भी अनिल का मन रचना को छोड़कर जाने का नही कर रहा था।
उसने बोला की अभी 5.30 हो रहे हैं और वो रात को कोई वॉल्वो पकड़ कर निकल जाएगा। तब तक चलो कोई मूवी देखते हैं।
रचना भी पीछे कहाँ रहने वाली थी। वो भी अनिल का साथ एक पल के लिए नही छोड़ना चाहती थी। उसने भी हाँ में सर हिला दिया।
और फिर डिसाइड हुआ की रचना के रूम के नज़दीक सिनेमा हाल है, वहाँ मूवी देखेगे।
मूवी का टिकट तो ले लिया गया , पर दोनो का मूवी पर ध्यान कम और एक दूसरे पर ज्यादा था । मूवी बहुत ही ज्यादा बुरी थी। लेकिन उन दोनो ने शायद ही कभी किसी मूवी में इतना एन्जॉय किया हो जितना इस मूवी में किया। पूरी मूवी भर दोनो एक दूसरे को छेड़ते रहे।अनिल रचना को पहले कुछ और ज्यादा करीब महसूस कर रहा था। इस कोशिस में अनिल के हौसले अब शायद अपने दायरों से आगे बढ़ने के लिए तैयार थे। ये वो दायरा था जहाँ रिलेशनशिप का एक लेवल खत्म होता है और दूसरा चालू।
ये जो लाइन थी जहां पर दोनो खड़े थे बहुत ही खतरनाक थी, और ऐसा लगता नही था की रचना को इस बात से कोई परेशानी थी। रचना भी अब नेक्स्ट लेवल पर जाने के लिए प्रीप्रयर्ड हो चुकी थी। फिर रचना ने अचानक से कुछ ऐसा किया जिसको अनिल ने एक्सपेक्ट नही किया था।उसने अनिल के चीक्स पर किस किया और फिर जब अनिल मुड़ा तो उसके होटों पर भी एक किस किया।
दोनो के अंदर भावनाओ का तूफान उमड़ रहा था।
“एक कश्ती थी दो मुसाफिरों की जो समंदर में बहुत दूर आ गयी थी इतनी दूर की जहाँ उनका सामना समुद्री तूफानों से था, वापस जाने का कोई रास्ता नही था और अगर था भी तो कोई जाना नही चाहता था। डूब जाने का डर था लेकिन इस अहसास को जीना भी था ।”
उनके दिल एक साथ धड़क रहे थे। सांसो में अजीब सा भारीपन आ रहा था। अनिल रचना को हाल के अँधेरे में स्क्रीन लाइट की हल्की रोशनी मे देखने की कोशिश कर रहा था। लेकिन रचना ने अपनी आंखे बन्द कर ली थी। उसके चेहरे पर एक अजीब मुस्कान थी।अनिल उस मुस्कुराहट को समझने की कोशिश कर रहा था। शायद ये वो अहसास था जो पहली बार खिलता है। सबको कभी न कभी होता है। उसने कहानियों में पढ़ा था पर उसको जीना एक और बात थी।
मूवी चल रही थी, लेकिन न तो उसके डायलॉग सुनाई दे रहे थे। न तो स्क्रीन पे कुछ दिख रहा था। दोनो समंदर में जैसे निढाल होके बहे जा रहे हों। ये भी नही पता की लहरें किधर ले जा रही है।
ऐसा लग रहा था की शरीर कुछ हल्का हो उठा है। सामने स्क्रीन पर ढेर सारी रंग बिरंगी तितलियां उड़ रही हो। ऐसा लग रहा था मानो कि किसी ने बहुत ऊँचाई से गिरा दिया हो, नीचे की तरफ गिर रहे हैं लेकिन ज़मीन नही दिख रही।डर भी लग रहा था और मज़ा भी आ रहा था। बस गिरे जा रहे हैं। हाथ पाँव ठंडे से पड़ गए हों। सोचने समझने की शक्ति चली गयी हो। बस जो है अभी है। ऐसा लग रहा था की बहुत तेज़ हवा का झोंक चल रहा हो और कोई हिमालय की ऊचाइयों पर आंख मूँद कर खड़ा हो।कभी हवा में कभी पानी में।
फिर यू लगा की अचानक से बहा कर ले जाने वाली लहरें किसी पत्थर से टकरा गयीं हों। सचमुच ही लहरें टकराई थी ।दरसल मूवी खत्म हो चुकी थी । लोग बाहर निकलने लगे। सुंदर सपना टूट गया। खुली आंखों से जिंदगी मे पहली बार सपना देखा था अनिल ने। ऐसा लग रहा था कि ये सिलसिला थोड़ी देर और चलता। अच्छा वक़्त कितनी जल्द गुजर जाता है।
बहरहाल अनिल के जाने का वक़्त आ गया था। रात के 9 बज रहे थे। अभी बस के निकलने में कुछ वक़्त था तो रचना ने कहा चलो यहाँ पर एक पार्क है, वहाँ चलते हैं।
अनिल को पार्क में कोई इंटरेस्ट नही था पर रचना थी तो कोई बात नही थी।
अनिल ने पूछा भी इस पार्क में कुछ खास है क्या ?
रचना ने बताया की ऐसा कुछ खास नही लेकिन यहाँ कपल्स आते हैं ।
अनिल रचना की ओर देख के मुस्कुराया लेकिन कुछ कहा नही। मुस्कुरा दोनो रहे थे । पहले दोनो अलग चलते थे पर अभी सीन थोड़ा चेंज था। अब वो कपल्स की तरह हाथ में हाथ में हाथ डाल के चल रहे थे।
पार्क में टहलते टहलते उन्हें बहुत सारे कपल्स दिखे जो बेचारे लगे पड़े थे। जिन्हें शायद कभी कभी ही मौका मिल पाता एक दूसरे से मिलने का।अनिल उनको देख के शरारती कॉमेंट्री किये जा रहा था। रचना का हस हस के बुरा हाल हो रखा था। दोनो पार्क घूमते रहे इधर उधर की बातें चलती रहीं
लेकिन वक़्त कैसे गुजर जाता है पता ही नही चलता ।अनिल के जाने का वक़्त हो गया था।
अनिल ने रचना को उसके घर के पास वाली गली में छोड़ा औऱ जाते जाते उसको कस कर गले लगाया। दोनो ने एक दूसरे को इतनी जोर से पकड़ रखा था मानो दोनो ने अपनी रूहों को जकड़ लिया हो और रूह अलग हुई तो उनकी साँसे भी थम जाएंगी। अनिल को जाते देख रचना की आँख भर आयी। वो अपने आप को रोने से न रोक सकी। अनिल ने उसको बाए कहा और आगे बढ़ गया।
रचना वहीं खड़े उसको देखते रही ,जब तक अनिल चला नही गया।अनिल भी उसको बार बार पीछे मुड़ कर देख रहा था।उसका भी दिल जाने को नही कर रहा था, लेकिन जाना तो था ही।
खैर अनिल बस अड्डे पहुच गया । उसकी बस का टाइमिंग हो रखा था। इस वक़्त 10 बज रहे थे।
अनिल बस में चढ़ने वाला ही था कि उसकी नज़र एक ऑटो पर पड़ी, जहां से उसे एक लड़की आते हुए दिखाई दी। अनिल का ध्यान इसलिए उसपर चला गया क्योंकि वो उसे रचना जैसी ही लगी, लेकिन वो रचना जैसी नही ,रचना ही थी। अनिल रचना को देख कर बहुत खुश भी था और आश्चर्य में भी।उसके चेहरे पर मिलेजुले भाव थे। वो भाग कर रचना के पास गया और उसको गले लगा लिया।
2 मिनट तक न तो अनिल ने और न ही रचना ने कुछ कहा।
फिर कुछ देर बाद अनिल ने पूछा ,”तुम यहाँ कैसे पागल”
रचना अनिल का चेहरा देखते रही लेकिन कुछ जवाब नही दिया।
अनिल ने फिर से पूछा पर रचना अनिल का चेहरा ही देखते रही और फिर से कुछ जवाब नही दिया।
अनिल के कुछ समझ नही आ रहा था।
अनिल की बस छूटने वाली थी। लेकिन अब वो बस पकड़ भी नही सकता था। उसके दिमाग में यही बात घूम रही थी कि रचना को वापस उसके रूम तक छोड़ आये फिर सोचेगा की क्या करना है। क्योंकि रात भी काफी हो चुकी थी और उसको रचना के सेफ्टी की चिंता भी हो रही थी।
बस जा चुकी थी। अनिल ने बोला ,लो बस भी चली गयी अब तो बता दो।
रचना ने कहा,” मैं बोलूंगी तो तुम मानोगे नही ”
अनिल ने बोला तुम बताओ तो सही। मैं अब कुछ भी मान सकता हूँ। क्योंकि मैंने ये तो कभी नही सोचा था की तुम ऐसा भी कर सकती हो।
रचना ने हल्के से मुस्कुराते और मुँह थोड़ा सा बच्चों जैसा करते हुए कहा यार,” मुझे सच में नही पता। तुम्हारे जाने के बाद मैं तुम्हारे बारे में इतना सोच रही थी की मुझे पता भी नही चला की कब मेरे पास ऑटो वाला आकर खड़ा हो गया। मैंने उसे क्या कहा मुझे याद नही । जब तक ऑटो चलता रहा मैं बस तुम्हारे बारे में ही सोचती रही। मुझे ऐसा लग रहा था कि अगर मैंने तुमको दुबारा नही देखा तो फिर कभी नही देख पाऊँगी। फिर अचानक से ऑटो रुका और ड्राइवर भैया ने बोला की आ गए बस अड्डे मैडम।तब जाकर मेरा ध्यान टूटा। शायद मैंने उसको बस स्टेशन जाने के लिए ही कहा होगा लेकिन मुझे बिल्कुल भी याद नही।सच कह रही हूँ।
अनिल रचना की बात सुनकर हैरत में पड़ गया। उसको समझ नहीं आ रहा था की क्या कहे।
ये बातें सुनकर अनिल थोड़ा परेशान से भी हो गया।
रचना ने पूछा क्या हुआ बताओ।
अनिल कुछ हिचकिचाया , पर रचना ने पकड़ लिया की अनिल के मन में कुछ थॉट्स चल रहे हैं। वो ऐसी ही थी ,तुरंत समझ जाती की सामने वाला कुछ तो सोच रहा है।
अनिल ने बहुत कोशिश की समझाने की पर रचना पीछे ही पड़ी रही। अनिल ने हस कर बात टालने की भी कोसीश की लेकिन रचना ने एक बार कुछ ठान लिया तो वो उसको ज़िद बना लेती थी।
आखिरकार अनिल को हार माननी पड़ी।
उसने कहा ,” अच्छा मै जो भी कहूँगा तुम उससे प्लीज दुःखी मत होना। मैं तुम्हें हर्ट नही करना चाहता। देखो मेरे लिए किसी न आज तक कुछ भी ऐसा नही किया। मैं बता नही सकता की तुमको यहां देख के कितना खुश हूँ। मैं तुम्हे दुखी नही कर सकता।”
ये बोल के वो चुप हो गया। रचना भी थोड़ी सीरियस हो गयी ।
रचना ने कहा,”क्या बात है?बताओ, मैं प्रॉमिस करती हूँ की दुखी नही होंगी।
बस ये मत कहना, “ब@नचो@ बदबू आ रही है, तुझसे” क्योंकि मैंने दो दिन से नहाया नही है।
उसकी ये बात और जिस तरीके से उसने कही। अनिल हँसते हँसते पागल हो गया। उसका मूड थोड़ा हल्का हो गया। उसको लगा नही था कि रचना का सेंस ऑफ हुमयर इतना अच्छा होगा।
रचना ने फिर अनिल से पूछा, अब तो बता दे यार।
अनिल ने बोला यार बात ये है कि हम दोनो के बीच में क्या हो रहा है। ये तुझे भी पता है और मुझे भी पता है। लेकिन मैं इस रिश्ते को कोई नाम नही देना चाहता। मैं तुमसे कोई प्रॉमिस नही कर सकता । मुझे तुम अच्छी लगती लगने लगी हो, मतलब बहुत ज्यादा। लेकिन मैं तुमको I love you नही कह सकता ना ही कोई कमिटमेंट करूँगा। तुम मुझे गलत मत समझना।अब तक जो भी था सपने जैसा था। मेरे लिए जो तुम्हारी केअर है , मैं जिंदगी भर नही भूल सकता। मुझे मालूम है तुम मुझसे हेट करोगी लेकिन मेरे दिल में तुम्हारे लिए सिर्फ प्यार है। प्यार वो bf gf वाला नही।प्यार वो जो किसी बहुत अच्छे इंसान से मिलकर होता है।
मै इस दुनिया का पहला ऐसा आदमी होऊंगा जिसकी जिंदगी में आने वाला एक पल उसकी लाइफ का सबसे लकी पल होगा और उसके बाद वाला सबसे ज्यादा अनलकी ।
रचना उसकी बात चुपचाप सुनती रही। उसके चेहरे पर कोई रिएक्शन नही था। फिर वो उसका हाथ पकड़ कर एक तरफ ले जाने लगी। अनिल कुछ बोला नही चुपचाप चलने लगा। रचना उसको एक दीवार के पीछे ले गयी ।वहाँ अँधेरा था। अनिल कुछ पूछता इससे पहले रचना ने उसको किस करना स्टार्ट कर दिया। अनिल ने भी रचना को बाहों में खिंचा और पैशनटली किस करने लगा। दोनो पांच मिनट तक एक दूसरे को किस करते रहे।
जब लगा की कोई आ रहा है। अनिल ने रचना इशारा किया कोई आ रहा है। दोनो फिर वहाँ से हट गए।
अनिल के साथ इतनी अनएस्पेक्टेड चीज़े हो रही थी कि उसने सोचना ही छोड़ दिया कि आगे क्या होगा। वो हैरान था। लेकिन सवाल तो मन में था , सो उसने रचना से पूछा की जो हुआ उसका क्या मतलब था?
रचना ने कहा ,”चलो मैं एक ढाबा जानती हूँ। वो रात को खुला होता है। वहाँ चलते हैं। बहुत अच्छा चिकन मिलता है वहाँ।मुझे तो बहुत भूख लगी है। तुम्हे नही लगी क्या ? और हाँ तुम्हारे सवाल का जवाब भी दे दूंगी ।”
दोनो ने ऑटो किया और राजपुर रोड की तरफ निकल गए। वहाँ एक ढाबा है। नाम है उसका बदनाम ढाबा। वहाँ पर पहले आर्डर हुआ रोस्टेड चिकन स्टार्टर में और मेन कोर्स में अमृतसरी चिकेन और कोयले पे सिकी रोटी। रात के 11.30 बज रहे थे । फिर भी खाने वालों की लाइन लगी थी।
अनिल को अपना जवाब चाहिए था। लेकिन वो पूछता इससे पहले ही रचना ने अनिल को बताना शुरू कर दिया कि वो पहला लड़का नही है जो उसकी जिंदगी में आया है। उससे पहले उसके तीन बॉयफ्रेंड रह चुके हैं। उसका पहला प्यार एक बड़ी उम्र के लड़के के साथ हुआ। जब वो 9th में पढ़ती थी। वो कोई और नही उसका इंग्लिश टीचर था। उसकी शादी हो रखी थी ।
ये सुन के अनिल के होश ही उड़ गए।
रचना ने अनिल की फटी आंखे देखकर कहा ,” अब मै नही बताऊंगी , अगर तुम ऐसे ही आंखे फाड़ कर देखोगे तो।
अनिल ने कहा नही बताओ बताओ,I am sorry तुम्हे ऑड लगा हो तो। वो बस आज ऐसा लग रहा है कि सरप्राइज डे है मेरा। थोड़ी थोड़ी देर में झटके लग रहे हैं।
तुम्हें कोई और नही मिला,”अनिल ने हँसते हुए पूछा”
रचना ने जवाब में चिढ़ते हुए कहा ,”अगर तुम ऐसे ही करोगे तो कुछ नही बताऊंगी”
अनिल ने अपनी हँसी को लगभग कंट्रोल करते हुए कहा कि सॉरी फिर से, अब कुछ नही कहूँगा।
तुम बताओ फिर क्या हुआ?
रचना न गहरी सांस भरते हुए कहा ,होना क्या था यार। मुझे पता नही था कि उसकी शादी हुई है। उसने भी ये बात छुपा के रखी लेकिन पता तो चल ही जाता है।मुझे भी पता चल गया। मुझे बहुत रोना आया। मैं ट्रैन की पटरी पे गयी थी मरने , लेकिन वो खून खून देखकर मुझे उल्टी आती है,तो मैं लौट आयी।
अनिल ने बहुत कोशिश की पर अपनी हँसी रोक नही पाया।
सॉरी सॉरी यार, मैंने बहुत कोशिश की भाई। मैं रोक नही पाया खुद को। तुम्हारी स्टोरी इतनी दुख भरी है, लेकिन न जाने मुझे हँसी क्यों आ रही है।
ये कह के अनिल और जोर जोर से हसने लगा। साथ में ये भी कह रहा था कि तुम इसलिए लौट आयी कि तुम्हे खून देख के उल्टी होती है ।हाहाहा…..आज तो सुसाइड करने वालों की आत्मा खून की उल्टी करेगी रचना।हाहाहा…..अनिल यही बोल बोल के हँसे जा रहा था।
रचना ने भी बोला की अब वो नही बता रही। अनिल ने बहुत पूछा लेकिन रचना भी टस से मस ना हुई।
“अच्छा ठीक है अपने अफेयर्स मत बताओ, पर ये तो बता दो कि स्टेशन पर क्या हुआ हमारे बीच। “,अनिल ने पूछा।
इसी बीच उनका स्टार्टर आ गया। दोनो भूखे तो थे ही टूट पड़े मुर्गे पर। भूख कुछ शांत हुई तो दोनो ने कुछ अच्छा फील किया। अनिल ने इशारे से रचना को रिक्वेस्ट की वो बताये।
रचना ने कहा ,” यार मेरे जो भी प्रीवियस रिलेशन रहे उसमे सब मुझसे कहते थे कि वो लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। शायद करते भी हों लेकिन मुझे शुरुवाती कुछ दिनों के बाद ये अहसास होने लगता था की वो मुझे प्यार नही करते। उनकी हर दूसरी बात झूठ होती थी। मैं भी झूठ बोलती हूँ, झूठ कभी कभी बहुत जरूरी हो जाता है एक रिलेशनशिप में । लेकिन छोटा मोटा ही। हम लोग आइडियल नही हैं यार। ये मुझे पता है। 10- 5% झूठ चलता है लेकिन रिश्ते की बुनियाद ही झूठी हो , ऐसा तो नही हो सकता न। बताओ वो इमारत कितने दिन टिकेगी। लेकिन तुम ऐसे पहले इंसान मिले जिसने कोई वादा नही किया, प्यार का नाटक भी नही किया। कोई सपने नही दिखाए लेकिन प्यार किया। मुझे इंसान समझा। लोग हम लड़कियों को इंसान ही नही समझते। तुमने समझा। मुझे फर्क नही पड़ता ,तुम कल मेरे साथ रहो न रहो, पर आज मै सिर्फ तुम्हारे साथ जीना चाहती हूँ। तुम्हारे साथ रहती हूँ तो खुद को खुद में महसूस करती हूँ। कोई बनावट नही । कोई दीवार नही। मुझे फर्क नही पड़ता कि मैं कैसी दिखती हूँ। फर्क नही पड़ता कि लोग क्या समझेंगे।
मैं आज़ाद महसूस करती हूँ। मुझे तुम्हारा कमिटमेंट नही चाहिए की तुम मुझसे शादी करो। बस जब तक साथ रह सकते हो रहो। जब दूर जाना चाहो मुझे बता देना।अभी जाना चाहो अभी जा सकते हो।
अनिल रचना को आवाक देखता ही रह गया। उसकी आंखों के किनारों में थोड़ा पानी सा आ गया।अब उसकी हँसी गायब हो गयी थी। सचमुच ही आज उसका सरप्राइज डे था।
खैर उसको अपना जवाब मिल गया था। जवाब तो मिल गया था लेकिन अब जो सबसे बड़ी समस्या अनिल के सामने थी, वो थी की रात के बज रहे थे 12.40 और रुकने का ठिकाना कुछ नही। इतने पैसे नही थे कि होटल में रुक सकें और साथ में थी एक लड़की। रचना का हिसाब किताब ऐसा था कि वो जहां स्टे कर रही थी उसका रूम ओनर था एक बुड्ढा जो अकेले रहता था। उसकी फैमेली रहती थी बाहर । रचना को पीछे का एक रूम दे रखा था उसने। पहले वो वहाँ जैस्मिन के साथ रहती थी। बाद में कुछ खटपट हुई दोनो के बीच तो जैस्मीन अलग हो गयी थी। रचना अब अकेले रहती थी।
रचना ने अनिल को परेशान देखकर बोला की वो उसके साथ उसके रूम पर चल ले।
अनिल ने उसके रूम ओनर को लेकर सवाल किया तो , उसने बताया कि पहले भी उसके रूम पर लड़के आ के रुक चुके हैं। वो सब जैस्मीन के बॉयफ्रेंडस थे।
अनिल ने हैरान होकर पूछा ,”जैस्मीन के बॉयफ्रेंडस? बहुत सारे थे क्या?”
अब हसने की बारी रचना की थी।
तुम अपनी बहन को क्या समझते थे?भैया वो बहुत बड़ी वाली थी । रचना ने अनिल की ओर शरारती अंदाज़ से देखकर मज़े लेते हुए कहा।
क्या हुआ अब हँसी नही आ रही, रचना ने मज़ाकिया लहज़े में पूछा।
नही, ऐसा कुछ नही है। आज तो मोदी जी का भी कॉल आ जाए तो आश्चर्य नही होगा। अनिल ने रचना की ओर मुस्कुराते हुए कहा।
रचना इस बात पर खूब हँसी।
ये डिसाइड हुआ कि रचना के रूम पर रुकना है। अनिल ने उबर बुक की और कुछ ही देर में गाड़ी रचना के रूम पर आ गयी।
क्योंकि आलरेडी काफी रात हो चुकी थी । इसलिए कोई डर नही था कि रूम ओनर जगा होगा। रूम सेपरेट था। रचना ने हल्के से गेट का दरवाज़ा खोला, फिर अनिल को अंदर आने को बोला । अनिल चुपचाप दबे पाँव चोरो की तरह अंदर घुस गया। गेट बन्द। फिर डोर का लॉक ओपन और दोनो अंदर। दरवाज़ा बन्द। मिशन सक्सेसफुल। अब रात गुजारने की टेंशन खत्म।
अंदर आके दोनो ने राहत की सांस ली। रचना ने कहा कि वो कपड़े चेंज करके आती है। अनिल के पास चेंज करने को कुछ था नही तो वो जाके बेड पर बैठ गया। बेड सिंगल था।उस पर एक बहुत बड़ा टेडी बेयर रखा था। अनिल उस पर लेट गया। उसको हल्की नीद सी आ रही थी। कुछ देर बाद रचना आती है। रचना को नाईट ड्रेस में पहली बार देख कर अनिल थोड़ा सा मन तो डगमगाता है। अनिल रचना को ऐसे आंखे फाड़ कर देख रहा था कि रचना थोड़ी अनकम्फ़र्टेबल फील करने लगती है।
रचना अनिल को देखकर थोड़ा शर्मा जाती है और लाइट्स बन्द कर देती है। अनिल थोड़ा बदमाशी के मूड में आकर लाइट्स फिर ऑन कर देता है।रचना गुस्सा दिखाने का नाटक करती है लेकिन अपने चेहरे की हँसी और शर्म को छुपा नही पाती अनिल से। अनिल रचना के करीब जाता है और रचना को बाहों में भरके किस करने लगता है। रचना कुछ देर तक बनावटी प्रतिरोध करती है लेकिन उसके विरोध में भी एक एक्सेप्टन्स थी। धीरे धीरे वो अनिल का प्रतिरोध करना छोड़ देती है। और इस तरह एक बात दूसरे पर जाती है, दूसरी तीसरे पर और फाइनली खत्म होती है वहाँ पर जहां से कह सकते हैं कि रिलेशनशिप का एक और मगर मजबूत पड़ाव आता है। जहाँ से गुजरने के बाद कुछ भी पहले जैसा नही रह जाता। सही और गलत नही रह जाता। चीज़ों को देखने का नज़रिया वो नही रह जाता जो पहले हुआ करता था।आप एक नही रहते, आप दो भी नही रहते।
कुछ देर बाद जब सांसो से उठती गर्मी और बदन पे उभरा हुआ पसीना ठंडा होता है , तो दोनो को अहसास होता है कि ये उनके जिंदगी के सबसे बेहतरीन पल थे। कुछ देर सब शांत रहता है।शायद दोनो अपने अंदर इस खुशनुमा अहसास को जितना हो सके अपनी यादों में समेट लेना चाहते थे हमेशा के लिए। वो खामोश थे क्योंकि पल चुरा रहे थे जिंदगी से।
कुछ देर बाद दोनो एक दूसरे की तरफ करवट बदलते हैं।माहौल थोड़ा शांत होता है तो अनिल रचना से थोड़ा मायूसी वाले लहज़े में बोलता है कि सॉरी, तुमने जैसा एक्सपेक्ट किया होगा । मै बिल्कुल भी वैसा परफॉर्म नही कर पाया ।
रचना भी शरारती मुस्कान के साथ कहती है कि सो तो है। तुम्हें थोड़ी प्रैक्टिस की जरूरत तो है।
अनिल भी समझ जाता है कि रचना मजे ले रही है उसके ,तो अनिल कहता है कोई नही मैं अगले बार प्रैक्टिस कर के आऊँगा।
रचना भी कहाँ पीछे रहने वाली थी उसने भी कहा ,हाँ हाँ प्रैक्टिस कर लेना, कुट के मत आ जाना। ऐसी परफॉर्मेंस रही तो बहुत कुटाई होगी। ये तो मैं हूँ जो इतना सपोर्ट कर रही हूँ। बाकी तुम्हे कोई घास भी नही डालेगा।
फिर दोनो काफी देर तक इस बात पर हँसते रहे। अनिल रचना को एकटक देखने लगा। रचना ने पूछा, ऐसे क्या देख रहे हो?
अनिल बोला की हम कुछ गलत तो नही कर रहे।
रचना ने अनिल के फोरहैड पर किस करते हुए कहा कि गलत क्या है। ये हमारा शरीर है। हमारी आत्मा है। हमारी सोच है। हम दोनो अगर कुछ पल के लिए एक साथ रहना चाहते हैं तो बुरा क्या है, हम क्या किसी को नुकसान पहुचा रहे हैं, नही न , फिर क्यों इतना सोचना। तुम सोचते बहुत हो। अब तुम मुझे कस के पकड़ो , मुझे नींद आ रही है। मुझे तुम्हारी बाहों में सोना है। तुम्हारा क्या पता कल चले जाओ।
ये बोल के रचना ने आँखे बन्द कर ली। अनिल रचना को बाहों में लेकर उसके बालों में उंगलियां फिराने लगा।कब उंगलियां फिराते हुए अनिल भी नींद के हवाले हुआ, उसे भी पता नही चला।
इस तरह अंत हुआ दोनो की जिंदगी के सबसे बेहतरीन दिन का।
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Kahani ko aapne explain kiya.. Baki to Sab normal hi tha.. Feeling express ki Achhe se.. Iske aage b h Kya…?? Or ye Trisha Kon hai phir.
सर, मैं आपका बहुत आभारी हूँ ,मेरी कहानी को पढ़ने के लिए। मुझे पता है कहानी लम्बी है, लेकिन मुझे और कोई तरीका नही पता जिससे कहानी को शार्ट में कह कर उसे जस्टिफाई भी कर सकूँ। कहानी इसके आगे भी है। मैं त्रिशा के बारे में बहुत कुछ नही कह सकता लेकिन वो नेक्स्ट पार्ट में है।
फिर से आपका और आपके कमैंट्स के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
hii vishal bro kyse h bhai
Wonderful Love Story.
Hey there! It’s me, Prince here. I feel myself so lonely because, I don’t have any friends. If Any Boy or Girl, Who needs A Good & Faithful Friend and Would like to Friendship with me? So, Please WhatsApp/Message me on 9199007192. Only Serious Persons are allowed, Arrogant People & Time-Passers Stay Away.
hii prince h r u bro
Sorry yrr ma apki itni long story nhi padh payi par I hope yeh acha hoga… All the best. Keep smiling
कमेंट करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद मैम, मुझे खुशी है कि आपने इस स्टोरी पर कमेंट किया लेकिन आप स्टोरी पड़कर करतीं तो मुझे बहुत ज्यादा खुशी होती। ये कहानी का 2nd पार्ट है। इससे पहले भी एक पार्ट है।
This is my humble request to you to go through my story. I promise you will never regret.
Apna itna pyar sa request kiya tho mana read ki aur story achi bhi lagi… I am waiting for your next part
Who r u….aaked before.. Asking again…
Well you know my name and I am an engineer. Electrical engineer to be specific.
I didn’t ask you.. I asked to moni…..and good to know you more By the way.
Oh in that case , we are all same if we are here.
Nice to meet you
Thank you very much. Next part will come soon.
Why you want to know about me??
Not anymore…..
Not anymore kyo Vishal ji jano na or puchha inse Kahi ye Wahi Moni to nhi Kahi unka Naam Monika to nhi Kahi ye aapka past ka pyar to nahi jano na ab kyo nhi Janna aapko..is Baar jo aapne Kiya h na uske liye aapko pay krna hoga AAP hmesha se janty the hme aapki zaban pe kisi or ldki ka Naam brdasht nhi chahe wo past hi kyo na ho PR TB bhi aapko Janna tha na to jano na jao jano ab not any more kyo or Rahi baat yaman ki to wo to mar gayi jao jano ab duniya ki hr Moni Monika nd all girls k bare me k Kahi koi aapka pyar to nhi
hii zanny i m sorry m apke matter m bol rhi hu but jo vishal ki soch h girls ke bare m girls aisi hoti waisi hoti h wo glt to h pr kuch girls ki wjh se aisi thinking ban hi jati so try to understand him ..plz
Tum mat Bolo bich me.. Nahi to baat or bigad jayegi…tumhari Bhabhi Thodi waisi h… Savdhani Hati to durghatnat gatti type wali.. Let me handle her….
Shoman unblock Karo.. Let me explain honey..
okkk nhi bolungi
Hello zanny..
Apka bich ma kya ha mujha nhi janna aur rahi bat jhgada ki toh ap kahi aur bhi karsakta public karna ki jarurt nhi… Jo bhi ha mera name mat lo apka koi right nhi banta aur ap mujha kyu bich ma laraha ho…
Aur ek baat clear kardu mujha apki vshal ma koi interest nhi ha aur ma koi monika nhi hu
So dont use my name again
Wo particular Aapke bare me baat nahi Kar rahi thi.. So do not get her wrong.. She is innocent as you..it was all my fault.. M sorry.. Do not speak to her like that… Is that clear..
It won’t happen again
Hey Moni listen just chillex hm kisi ka Naam nhi le rahe ok or na hi hme kisi Ko koi blame krna h or Rahi baat mere Vishal ki to wo mere nhi kisi Monika k Vishal h or ek baat or is public place me kya kya hota h ye to SB hi janty h Kher I m sorry gr mere or Monika k Vishal k jhagde Ko AAP khudpe le Rahi h to.ab na hm koi msg krege or plz na hi AAP ya koi or hmare liye koi msg kre
I can’t take it anymore.. M leaving this place.. Now you can happy one last time…
Goodbye everyone
Great this is good for every one…
Aur ma apko kahi jana ka liya nhi bol rahi hu.. Take it easy guys
hiii …. everyone m aa gyi hu sab log aa jayiye
GOOD MORNING EVERYONE ….
Gud mrng ramya
vaishnavi tk ka kuch pta h kha wo
Nahi behn maine khud swapnil bhai se puncha unhe bhi nahi pta yrr pta nahi kaha h
it’s ok koi baat nhi
Kya aap mujhe next part ka link de sakte hai, mujhe next part nhi mil rha
Please help me