मैं सिद्धार्थ, एक साधारण सी जिंदगी जी रहा था, एक छोटे से शहर में, जहाँ सबकुछ रुटीन की तरह था..मेरी जिंदगी में कोई उतार-चढ़ाव नहीं थे, जो किसी एक घटना ने संपूर्ण रूप से बदल दिया.
, जून का महीना था, जब मैं अपने ऑफिस से लौट रहा था. रास्ते में, मैंने एक सड़क दुर्घटना होते हुए देखी. एक कार पेड़ से टकराई हुई थी और उसके शीशे टूट गए थे. मैंने अपनी कार रोकी और देखा कि कार में सिर्फ एक लड़की बैठी है, Shivani. उसकी आँखें green थीं और वो डरी हुई थी. मैंने उसे बाहर निकलने में मदद की और पूछा कि क्या वो ठीक है. उसने हाँ में सिर हिलाया लेकिन दिखाई दे रहा था कि वो सदमे में थी.
मैंने पुलिस को फोन किया और तक तब तक Shivani को अपनी कार में बिठा कर उसे चाय पिला कर सम्भालने की कोशिश की. उसे शायद बातों में लगा कर उस सदमे से उबरने में मदद मिल सके. मैंने पूछा, “क्या आपने कोई चोट नहीं लगी?”
उसने मुस्कुराते हुए कहा, “नहीं, मुझे कोई चोट नहीं लगी है. मुझे याद नहीं कि कैसे ये हादसा हुआ. मैं सिर्फ यहाँ से जाना चाहती हूँ.”
मैंने पुलिस को घटनास्थल पर देखकर ही अपने गंत्व्य को ओर प्रस्थान किया. कुछ दिनों बाद मैं सुपर मार्केट में था और अपने हाथों में एक शॉपिंग लिस्ट लिए daar रहा था कि किसी ने पीछे से मेरी बाजू पर हाथ रख दिया. मैंने देखा की वो Shivani थी. मुझे पहले तो अचरज हुआ, फिर मुस्कुराते हुए पूछा,”क्या कर रही हो यहाँ?”
उसने अपनी बड़ी green आंखों में एक शरारती चमक के साथ कहा, “मैं यहाँ अक्सर शॉपिंग करने आती हूँ. तुम?”
मैंने कहा, “मैं भी यही सोच रहा था कि क्या लूं. बहुत कन्फ्यूज़न हो रहा है. तुम क्या ले रही हो?”
उसने मुझे एक ऐसी नज़र से देखा जैसे कोई राज की बात पूछी गई हो. फिर हंसते हुए बोली, “ओह, बहुत सारी चीज़ें. मैं new से new चीज़े ट्राई करना पसंद करती हूँ. तुम भी चलो न, मैं तुम्हें अच्छी चीज़ें दिखा सकती हूँ.”
मैंने सोचा, क्यों नहीं? और हम दोनों साथ-साथ बातें करते हुए, दुकान से दुकान जाने लगे. Shivani बहुत मस्त-मौला लड़की थी और उसकी वजह से शॉपिंग, जो मुझे बोरिंग लगती थी, बहुत मज़ेदार हो गई. उसने मुझे नए-नए सामान बताए, जिनके बारे में मैंने कभी नहीं सुना था. हम दोनों ने मिलकर एक के बाद एक कई आइटम्स खरीदे.
हम दोनों ने एक दूसरे के साथ समय बिताना शुरू कर दिया और जल्द ही हम अच्छे दोस्त बन गए. हम एक-दूसरे से अपनी जिंदगी के बारे में बतियाते और घंटों बातें करते. shivani एक कलाकार थी और अपनी पेंटिंग्स बेचती थी. वो बहुत टेलेंटेड थी और उसकी पेंटिंग्स में एक अलग ही जान थी. मैं उसकी पेंटिंग्स का कायायम हुआ फैन हो गया था.
एक दिन, Shivani ने मुझे अपनी एक पेंटिंग दिखाई, जो वो अभी पूरी कर रही थी. उसमें एक लड़का और लड़की थे, जो एक-दूसरे के हाथों में हाथ डाले किसी गार्डन में चल रहे थे. मैंने पूछा, “क्या ये तुम हो और तुम्हारा कोई स्पेशल फ्रैंड?”
वो हंस पड़ी और बोली, “नहीं, ये तुम हो और मैं. मैंने बस एक ट्राय किया था और ये पेंटिंग बन गई.”
मुझे एक पल के लिए कुछ समझ नहीं आया. फिर मैंने पूछा, “क्या मतलब, मैं और तुम?”
Shivani ने शरारती स्वर में कहा, “हाँ, हम. क्या, तुम्हें कोई आपत्ति है?”
मैंने झेंप कर कहा, “नहीं, बिलकुल नहीं. ये तो बहुत अच्छा लग रहा है. लेकिन मुझे ये पता नहीं था कि तुम…”
उसने मेरी बात को काटते हुए कहा, “हाँ, मैं तुम्हें पसंद करती हूँ. और ये पेंटिंग हमारी याद के तौर पर बनाई है.”
मेरा दिल एक पल को तो बहुत खुशी से उछल पड़ा. लेकिन फिर मुझे याद आया कि Shivani बहुत ही अमीर परिवार से थी और हमारे बीच काफी differences था.
मैंने Shivani से अपनी feelings के बारे में बताया और कहा कि मुझे भी वो बहुत पसंद है. लेकिन हमारे बीच कई differences थे, जिन पर हमें बात करने की ज़रूरत थी. Shivani ने मेरी बातों को गंभीरता से सुना और कहा कि वो चाहती है कि हम हमेशा साथ रहें. वो चाहती थी कि हम अपनी लाइफ को साथ बिताएँ, चाहे कुछ भी हो जाए.
हम दोनों ने एक-दूसरे का साथ निभाने का वादा किया और फिर हम शादी के बंधन में बंध गए. हमारी शादी एक सपने की तरह थी, जो सच हो गया था. हमारे परिवारवालों ने भी हमारा साथ दिया और हमें आशीर्वाद दिया. हम दोनों एक नई जिंदगी शुरू करने के लिए तैयार थे, साथ-साथ.
हमारी जिंदगी एक खूबसूरत किताब के पन्नों जैसी है, जिसे हम रोज़ साथ लिख रहे है. हमारी प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी गाथा बन गई है. हमारा प्यार, जो एक सड़क हादसे से शुरू हुआ था, अब एक खूबसूरत रिश्ते में तब्दील हो चुका है. हम जान गये है,कि यह प्यार है जो मार्ग दिखाता है, न कि रास्ता जो हमें प्यार की तरफ ले जाता है.
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