वो साँवली लड़की – Abhishek Tripathi

वो साँवली थी….अपनी माँ के लिए…. अपने पापा के लिए….पर अपनी दोस्तों के लिए? … उनके लिए वो “काली” थी…..बहुत जहीन लड़की थी….. हाँ बचपन से सौन्दर्य को लेकर ज्यादा ही सम्वेदनशील थी…..किशोरवय होने पर उसे पता चला कि गोरा होना ही सौन्दर्य की निशानी है……अकसर उसे लगता कि उसकी खूबसुरत सहेलियाँ उसके बारे में ही बात कर रही हैं,….. क्या बात कर रही होगी? शायद मेरा मज़ाक बना रही होगी……स्थिति उलट थी वह बात करती थी कि, “कि इसके नंबर हमेशा हमसे ज्यादा आते हैं, इस बार इसे पीछे कैसे किया जाए?”
.उसकी दोस्त जब अपनी प्रेम कहानियाँ सुनाती…. कि कैसे कोई उन्हें चाँद कहता है……कि कैसे कोई उनकी खूबसूरती की तारीफ करता है…… वह प्रदर्शित करती जैसे वह सब जानने को उत्सुक हो……….. पर वह ये सब नही सुनना चाहती थी….ऐसा नही कि उसे अपनी दोस्तो के लिए अच्छा नही लगता था……पर उसे ख़ुद के लिए बुरा लगता……..वह भी चाहती कोई उसकी तुलना सुर्ख गुलाब से करे……उसे कई लड़कों के प्रपोजल भी मिलें….पर उसने अस्वीकार कर दिए …..वे उसके लायक नही थे….. उनके विचार उससे नहीं मिलते थे…..अगर वह साँवली है तो वह समझौता क्योंं करे? उसका हक नही कि वह किसी सुलझे हुए लडके से प्यार करे?
एक लड़का था भी… थोड़ा सा अच्छा लगाता था उसे….पर उसदिन जब उसने अपनी एक “खूबसूरत” दोस्त के साथ देखा…उसे बहुत निराशा हुयी……उसने अपनी माँ की बातें याद की,”कि प्यार हमेशा विचारों से होता है..”,

“विचारों से…” उसने फीकी हँसी हँसी…!!

अगले दिन नये ग्रेजुएशन कॉलेज में पहला दी था…….वह स्वभाव से मिलनसार थी….पर हमेशा उसका साँवलापन उसके आत्मविश्वास को डिगाता था…… इंट्रोडक्शन चल रहा था…..सभी अपना नाम और ख़ुद को डेस्क्रायब कर रहे थे…… वह स्टेज पर नहीं जाना चाहती थी…… वह हॉल से बाहर निकल गयी….. उसने देखा उसके पीछे एक सीनियर आ रहा है…. आते ही उसने सवालिया नजरों से देखा….वह कुछ नहीं बोली…. “चलो रिहर्सल कर लेते हैं..” वह मुस्कुराता हुआ बोला….. “क्या नाम है तुम्हारा?” वह फिर बोला….
“जी, मेरा नाम सृष्टि है…”,
“खूबसूरत” वह मुस्कुराता हुआ उसकी आंखो में झाँक रहा था,”चलो जब तक बाकियो का होता है, तुम मेरे सामने बोलो जो भी तुम्हे स्टेज पर कहना है…”
थोड़ी देर बाद छात्रो से भरे हॉल में वह बता रही थी कि उसकी हॉबी “सिंगिंग” है…… उधर गाने की फरमाइश हुयीं…इधर उसने गाना शुरू किया……वो आज दिल से गा रही थी….उसने आँखे बंद कर ली…..जब उसने गाना बंद किया….. हॉल तालियो से गूंज रहा था….. उस भीड में वह सीनियर भी था…. उसे देखकर मुस्कुरा रहा था….शोर थमा तो वह अपने साथियो से मुखातिब हुयी,”पता है दोस्तों, प्यार हमेशा विचारों से होता है…”, इस बार फिर उससे नजर मिली, पर इस बार वो दोनों एक दूसरे को सिर्फ़ देख नही रहे थे ……..इस बार दोनों की आंखे गुफ्तगू कर रही थी….!!

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10 thoughts on “वो साँवली लड़की – Abhishek Tripathi”

  1. लड़कों औरलड़कियों की दोस्ती मेंये हैं फर्क.दो लडकियां आमने-सामने जबबातकरती हैं।.पहली – हाए स्वीटहार्ट।.दूसरी – हाई , मेरी शोना , आईमिस यू।.…और दोनों एक दुसरे के बारे में पीठपीछे बोलती हैं।.पहली – अरे वो एक नंबरकी नकचढ़ी हैं, घमंडी हैं।.दूसरी – मैं तो उसे भावही नहीं देती , शक्ल सेबंदरिया लगती हैं.जब 2 लड़के जब आमने सामने बात करते हैं।.पहला – कैसा हैं कमीने ,लाल शर्ट मेंतो bandar लग रहा हैं बे।.दूसरा – अपने बाप से मजाककरता हैं साले।.और दोनों एक दुसरे के बारे में पीठ पीछे बोलते हैं।.पहला – मस्त बंदा हैं यार।.दूसरा – खबरदार उसके बारे में कुछ गलत बोलातो, भाई हैं वो मेरा।

  2. H!!!!!! Mera naam Aryan hai mujhe ek achi dost ki talas…..so plz agar ap hm se dosti karni hai to ap mere whatshap no 9472485967 par message kare
    Aryan Aryan

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